अजमेर में फिर सैक्स स्कैंडल जैसी घटना !
राजस्थान के अजमेर शहर में एक बार फिर स्कूली छात्राओं को दोस्ती का झांसा देकर ब्लैकमेल करने क मामला सामने आया है। इसने 1992 के अजमेर सेक्स स्कैंडल की याद ताजा कर दी है।

अजमेर की एक स्कूली छात्रा के पिता ने विजयनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई कि कुछ लड़के उनकी नाबालिग बेटी और उसकी सहेलियों को मोबाइल फोन देकर बहला फुसला रहे थे। ये लड़के उन्हें अक्सर होटल, रेस्टोरेंट और कैफे में मिलने के लिए बुलते और वहां उनकी तस्वीरें और वीडियो बनाते। पिता के अनुसार आरोपी उसकी नाबालिग बेटी से अपने दोस्तों से मिलने का दबाव भी बना रहे थे। जब लड़की ने उनकी बात नहीं मानी तो वो उसे ब्लैकमेल करने लगे।
शिकायत के अनुसार आरोपी पहले नाबालिग लड़कियों से दोस्ती करते और उन्हें मोबाइल फोन देते थे। फिर मिलने के लिए बुलाते। वहां उनकी तस्वीरें और वीडियो बनाते। वीडियो और तस्वीरों का इस्तेमाल कर लड़कियों को ब्लैकमेल करते तथा उन पर अपने दोस्तों से मिलवाने का दबाव बनाते थे।
परिवार का आरोप है कि यह सिर्फ़ ब्लैकमेलिंग का मामला नहीं, बल्कि धर्म परिवर्तन की साजिश भी थी। कई बार लड़कियों से जबरन कलमा पढ़वाने और रोजा रखवाने की कोशिश की गई।
पुलिस ने पिता की रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। अब तक सात आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और अन्य की तलाश जारी है। पिता ने बताया है कि आरोपियों की संख्या करीब 15 है।
इस मामले के सामने आने के बाद इलाके में गुस्सा है और स्थानीय लोग सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और पीड़िताओं को न्याय मिलेगा।
ज्ञात हो कि वर्ष 1992 के बहुचर्चित अजमेर सेक्स स्कैंडल में एक गैंग ने मिलकल 100 से ज्यादा लड़कियों को हवस का शिकार बनाया था। 11 से 20 वर्ष के उम्र की ये लड़कियां अजमेर के एक मशहूर निजी स्कूल में पढ़ती थीं। इस गैंग ने लड़कियों से पहले दोस्ती गांठी, फिर आपत्तिजनक स्थितियों में उनकी तस्वीरें खींचकर उन्हें ब्लैकमेल किया। वे उन्हें एक फार्महाउस ले जाते, जहां उनसे रेप किया जाता था।
इस मामले में 18 लोगों के खिलाफ मुकदमा चला था। आठ आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। हालांकि, बाद में 4 को राजस्थान हाई कोर्ट ने बरी कर दिया। दूसरे आरोपियों ने अपनी सज़ा पूरी की। इनमें से 6 आरोपियों के खिलाफ अलग से मुकदमा चल रहा था। अगस्त 2024 में इस मामले में 32 साल बाद फैसला आया। अजमेर की स्पेशल पॉक्सो कोर्ट ने 6 आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। हालांकि इनमें अलमास महाराज उर्फ बबली नाम का एक आरोपी फरार है और अदालत ने उसे भगोड़ा घोषित किया हुआ है।