मप्र के मंत्री बोले--अमरीका की खोज भारतीय ने की
मध्य प्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार का कहना है कि अमरीका की खोज एक भारतीय ने की थी। उन्होंने कहा, यह गलत पढ़ाया गया है कि कोलंबस ने अमरीका की खोज की थी।
मध्य प्रदेश के उच्चशिक्षा मंत्री इंदरसिंह परमार का कहना है कि अमरीका की खोज एक भारतीय ने की थी। उन्होंने कहा, यह गलत पढ़ाया गया है कि कोलंबस ने अमरीका की खोज की थी। पढ़ाना यह चाहिए था कि आठवीं शताब्दी में भारतीय महानाविक वसुलुन ने अमरीका की खोज की और सैन डियागो स्टेट में कई मंदिरों का निर्माण किया था। यह तथ्य अभी भी अमरीकी संग्रहालय में मौजूद हैं।
मंत्री इंदरसिंह परमार ने यह भी कहा कि स्थिर सूर्य का जो सिद्धांत वैज्ञानिक निकोलस कॉपरनिकस ने दिया था, उससे कई हज़ार साल पहले हमारे ऋषियों ने इसे बता दिया था। ऋगवेद में आठ हजार साल पहले यह लिखा गया है कि चंद्रमा अपने मातृ गृह यानि पृथ्वी के चारों ओर घूमता है और पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है।
इसी प्रकार उच्च शिक्षा मंत्री ने चीन की राजधानी बीजिंग के बारे में कहा कि उन्होंने हाल ही में कहीं यह तथ्य पढ़ा कि 12वीं शताब्दी में, बीजिंग शहर की स्थापना के लिए डिजाइन और वास्तुकला को नेपाल के एक वास्तुकार बलबाहु द्वारा तैयार की गई थी। उस समय नेपाल भारत में था।
हालांकि किताबों में पढाया जाता है कि अमरीका की खोज क्रिस्टोफ़र कोलंबस ने की थी। कोलंबस, एक खोजकर्ता, नाविक और उपनिवेशवादी, 1451 में इटली में जन्मे थे। उन्होंने ग्रेट अटलांटिक महासागर में चार महत्वपूर्ण यात्राएं कीं और 1492 में अमरीका की खोज की। इस यात्रा के खर्चों का भुगतान स्पेनिश सम्राटों ने किया था।