कनाडा में अर्श डल्ला को मिली जमानत

कनाडा में खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला को जमानत मिलने की खबर है। एक अदालत ने पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए डल्ला को 30 हजार डॉलर के निजी मुचलके पर जमानत दी है।

कनाडा में अर्श डल्ला को मिली जमानत

कनाडा में खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला को जमानत मिलने की खबर है। जानकारी के अनुसार कनाडा की एक अदालत ने पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए डल्ला को 30 हजार डॉलर के निजी मुचलके पर जमानत दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 24 फरवरी, 2025 को होगी। खालिस्तान टाइगर फोर्स की कमान संभाल रहे अर्श डल्ला को कुछ समय पहले ही कनाडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस को उसके पास से कई हाईटेक हथियार भी मिले थे।

सूत्रों के अनुसार अर्श डल्ला पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के सीधे संपर्क में रहा है।  कनाडा में 28 अक्टूबर की रात अर्श डल्ला को गोली लगी थी। वह अपने साथी गुरजंत सिंह के साथ कार में सवार होकर हॉल्टन इलाके से गुजर रहा था। इसी दौरान कार में रखे हथियार से एक्सिडेंटल फायर हो गया। गोली डल्ला के दाहिने हाथ में लगी थी, जिसके बाद उसे और गुरजंत सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। फिर उसे गिरफ्तार किया गया। डल्ला ने तब पुलिस को खुद पर हुए हमले की एक फर्जी कहानी बताई थी। पुलिस ने जांच में कई खुलासे किए हैं।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कनाडा की पुलिस ने अर्श डल्ला की कार की तलाशी ली थी। फिर रूट भी चेक किया गया था। पुलिस को पता चला कि अर्श डल्ला की कार रास्ते में एक घर के बाहर कुछ देर रुकी थी। उस घर के गैराज से पुलिस को कई प्रतिबंधित हथियार और कारतूस मिले हैं। जांच में पता चला कि ये सभी हथियार अर्श डल्ला के ही हैं।

जानकारी के अनुसार भारत सरकार ने कनाडा में गिरफ्तार किए गए खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श डल्ला के प्रत्यर्पण की मांग करने की योजना बना रहा था। कुछ दिन पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने मीडिया ब्रीफिंग में इसकी जानकारी दी थी। खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की हत्या के बाद अर्श डल्ला ही आतंकी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) को लीड कर रहा है। डल्ला ने निज्जर के साथ मिलकर अपने स्लीपर सेल नेटवर्क के जरिए पंजाब में टारगेट किलिंग, टेरर फंडिंग के लिए जबरन वसूली जैसे कई अपराधों को अंजाम दिया है।

अर्श डल्ला का पूरा नाम अर्शदीप डल्ला है। वह मूल रूप से पंजाब के मोगा का रहने वाला है। दोस्तों के साथ हुए एक झगड़े के बाद उसपर पहली एफआईआर दर्ज हुई थी। बाद में परिवार ने स्टडी वीजा पर उसे कनाडा भेज दिया था। वहां गैंगस्टर सुक्खा लम्मा से हुए विवाद के बाद वह पंजाब लौट आया। फिर खुद अपने साथियों के साथ मिलकर लम्मा की हत्या कर दी। इसके बाद फिर कनाडा भाग गया।