‘प्राण प्रतिष्ठा’ शब्द सुनकर अयोध्या न आने की अपील
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि ‘प्राण प्रतिष्ठा’ शब्द सुनकर अयोध्या की ओर न आएं। 3, 4 और 5 जून के राम मंदिर के आयोजनों में किसी को औपचारिक रूप से आमंत्रित नहीं किया गया है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने स्पष्ट किया है कि 3, 4 और 5 जून के राम मंदिर के आयोजनों में किसी को औपचारिक रूप से आमंत्रित नहीं किया गया है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि ‘प्राण प्रतिष्ठा’ शब्द सुनकर अयोध्या की ओर न आएं।
चंपत राय ने कहा केवल वही लोग दर्शन के लिए आएं, जिन्हें वास्तव में रामलला के दर्शन करने की आवश्यकता हो। चंपत राय ने यह भी कहा कि फिलहाल मौसम अनुकूल नहीं है और मंदिर निर्माण की कुछ प्रक्रियाएं अब भी जारी हैं, जिससे श्रद्धालुओं को राम दरबार और परकोटे में स्थित मंदिरों के दर्शन करने के लिए कुछ और समय इंतजार करना पड़ेगा। प्राण प्रतिष्ठा’ शब्द सुनकर अयोध्या की ओर न आएं।
राम दरबार का निर्माण मंदिर के प्रथम तल पर किया गया है। इस दरबार में प्रभु श्रीराम और माता सीता सिंहासन पर विराजमान हैं जबकि लक्ष्मण और हनुमान उनके चरणों में हाथ जोड़कर बैठे हुए हैं। भरत और शत्रुघ्न दोनों ओर खड़े हुए हैं। यह चित्रण प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक के समय के दरबार को दर्शाता है।
इससे पूर्व 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम की बाल स्वरूप में प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। अब पांच जून को भगवान श्रीराम को राजा के रूप में प्रतिष्ठित किया जाएगा। राम दरबार की यह स्थापना मंदिर की भव्यता को और अधिक पौराणिक रूप प्रदान करेगी। इसके अलावा 3 जून को सुबह 6:30 बजे विशेष अनुष्ठान किया जाएगा। इन आयोजनों को लेकर अयोध्या में श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह पुख्ता कर दिया गया है। कार्यक्रम स्थलों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है, ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो और दर्शन पूरी शांति और सुव्यवस्था के साथ संपन्न हो सकें।