अब चीन हमारा सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर

अमरीका नहीं, बल्कि ड्रैगन (China) भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर बना है। जीटीआरआई (GTRI) के अनुसार दोनों देशों के बीच गत वित्त वर्ष में 118.4 अरब डॉलर का व्यापार हुआ है, जबकि अमेरिका इस मामले में नंबर दो पर है।

अब चीन हमारा सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर

भारत की मोदी सरकार भले ही सीमा विवाद को लेकर चीन को लगातार धमकी देती रहे औऱ चीनी सामान का बहिष्कार कराती रहे, लेकिन वास्तविकता ये है कि हमने चीन को अपना सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर बना लिया है। 

व्यापारिक साझेदारी के मामले में अब अमरीका, भारत का सबसे बड़ा पार्टनर नहीं रहा। वित्त वर्ष 2023-24 में तस्वीर एकदम बदल गई है। बीते साल अमरीका नहीं, बल्कि ड्रैगन (China) भारत का सबसे बड़ा बिजनेस पार्टनर बना है। आर्थिक थिंक टैंक जीटीआरआई (GTRI) के अनुसार दोनों देशों के बीच गत वित्त वर्ष में 118.4 अरब डॉलर का व्यापार हुआ है, जबकि अमेरिका इस मामले में नंबर दो पर है। 

जीटीआरआई द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और चीन के बीच आयात-निर्यात 118.4 अरब डॉलर का रहा है। इसमें पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत का चीन को निर्यात सालाना आधार पर 8.7 फीसदी बढ़कर 16.67 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया। चीन को निर्यात किए जाने वाले सामानों की लिस्ट पर गौर करें, तो इसमें सबसे ज्यादा लौह अयस्क, सूती धागा/कपड़े/मेडअप, हथकरघा, मसाले, फल और सब्जियां, प्लास्टिक और लिनोलियम शामिल रहे। 

वहीं, चीन की ओर से भारत को किए गए आयात में भी इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत द्वारा चीन से किए गए सामनों का आयात 3.24 फीसदी बढ़ा है और ये 101.7 अरब डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है। चीन से भारत में आने वाले सामानों में प्रमुख तौर पर इलेक्ट्रॉनिक सामान, न्यूक्लियर रिएक्टर्स, बॉयलर, ऑर्गेनिक केमिकल, प्लास्टिक का सामान, फर्टिलाइजर, गाड़ियों से जुड़े सामान, केमिकल प्रोडक्ट्स, आयरन एंड स्टील, आयरन एंड स्टील का सामान और एलुमिनियम शामिल रहे। 

जीटीआरआई के डेटा के अनुसार गत वित्त वर्ष में जहां भारत और चीन के बीच कारोबार 118.4 अरब डॉलर का रहा है, वहीं भारत और अमरीका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 118.3 अरब डॉलर का रहा है और इस आंकड़े के साथ अमेरिका पहले नंबर से खिसककर दूसरे पायदान पर आ गया। वित्त वर्ष 2020-21 और वित्त वर्ष 2022-23 अमरीका ही भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बना हुआ था। किंतु बीते वित्त वर्ष अमरीका को भारत का निर्यात 1.32 फीसदी की गिरावट के साथ 77.5 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि आयात में लगभग 20 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और ये 40.1 अरब डॉलर पर आ गया।

GTRI के अनुसार वित्त वर्ष 2019 से 2024 के दौरान भारत के टॉप-15 ट्रेड पार्टनर्स के बीच हुए व्यापार में खासा बदलाव देखने को मिला है। इसका प्रभाव आयात और निर्यात दोनों के आंकड़ों पर देखने को मिला है। यहीं नहीं ट्रेड डिफ्लिक्ट या व्यापार घाटे और ट्रेड सरप्लस की स्थिति में भी बदलाव देखने को मिला है। इन पांच सालों की अवधि में चीन को निर्यात में 0.6 फीसदी की मामूली गिरावट दर्ज की गई है। जो 16.75 अरब डॉलर से घटकर 16.66 अरब डॉलर पर आ गया। वहीं चीन से आयात 44.7 प्रतिशत बढ़कर 70.32 अरब डॉलर से उछलकर 101.75 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।