हिरण शिकार मामले की सुनवाई 8 हफ्ते टली

काला हिरण शिकार मामले में बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की किस्मत का फैसला आज नहीं हो पाया। हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ में इस मामले की सुनवाई टल गई है।

हिरण शिकार मामले की सुनवाई 8 हफ्ते टली

काला हिरण शिकार मामले में बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की किस्मत का फैसला आज नहीं हो पाया। हाईकोर्ट की जोधपुर पीठ में इस मामले की सुनवाई टल गई है कोर्ट अब अगली सुनवाई 8 हफ्ते बाद करेगा।

आज हाईकोर्ट में सलमान खान की 5 साल की सजा के खिलाफ अपील तथा इस केस के सह-अभियुक्तों सैफ अली खान, तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह को बरी किए जाने के खिलाफ राज्य सरकार की 'लीव टू अपील' (अपील की अनुमति के लिए याचिका) पर एक साथ सुनवाई होनी थी

यह मामला लगभग 25 साल पुराना है हिरण शिकार की घटना 1-2 अक्टूबर 1998 की है, जब फिल्म 'हम साथ साथ हैं' की शूटिंग के दौरान जोधपुर के पास कांकाणी गांव में दो काले हिरणों का शिकार किया गया था आरोप लगे थे कि सलमान खान ने ही इन हिरणों का शिकार किया, जबकि अन्य अभिनेता और अभिनेत्री उस समय उनके साथ थे इस घटना के बाद सलमान खान और उनके साथी कलाकारों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया

लंबे समय तक चली कानूनी लड़ाई के बाद, 5 अप्रैल 2018 को जोधपुर के एक ट्रायल कोर्ट ने सलमान खान को इस मामले में दोषी ठहराया और 5 साल कैद की सजा सुनाई सबूतों के अभाव में सह-अभियुक्तों- सैफ अली खान, तब्बू, नीलम, सोनाली बेंद्रे और दुष्यंत सिंह- को बरी कर दिया गया सलमान खान को दोषी ठहराए जाने के बाद उन्हें तुरंत जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया, लेकिन दो दिन बाद ही उन्हें जमानत मिल गई

निचली अदालत के फैसले के बाद, इस मामले में दो अलग याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर की गईं--

सलमान खान की अपील: अपनी सजा और दोषी ठहराए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए सलमान खान ने हाईकोर्ट में अपील दायर की। उनकी अपील में कहा गया है कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है और निचली अदालत का फैसला दोषपूर्ण है।

राज्य सरकार की 'लीव टू अपील': सलमान खान को सजा मिलने के बाद भी राज्य सरकार इस फैसले से संतुष्ट नहीं थी कि अन्य सभी आरोपी बरी हो गए हैं। राज्य सरकार ने उनके बरी होने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में 'लीव टू अपील' दायर की। मतलब, राज्य सरकार ने हाईकोर्ट से यह अनुमति मांगी है, ताकि वह बरी किए गए लोगों के खिलाफ अपील दायर कर सके।

पिछली सुनवाई में जस्टिस संदीप शाह की कोर्ट ने दोनों अपीलों को एक साथ सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था, ताकि मामले के सभी पहलुओं पर एक ही बार में सुनवाई हो सके। आज इसी पर बहस होने थी।