ईआरसीपी-पीकेसी लिंक समझौते का ब्यौरा आया सामने

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) और पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना को लेकर जलशक्ति मंत्रालय ने राज्यसभा में विस्तृत विवरण दिया है। मंत्रालय ने राजस्थान और मध्य प्रदेश को मिलेन वाले पीना और लाभान्वित होने वाले जिलों का ब्यौरा प्रस्तुत किया है।

ईआरसीपी-पीकेसी लिंक समझौते का ब्यौरा आया सामने

पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) और पार्वती-कालीसिंध-चंबल (पीकेसी) लिंक परियोजना को लेकर जलशक्ति मंत्रालय ने राज्यसभा में विस्तृत विवरण दिया है। भाजपा सांसद घनश्याम तिवाड़ी द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में मंत्रालय ने इस परियोजना से राजस्थान और मध्य प्रदेश को मिलेन वाले पीना और लाभान्वित होने वाले जिलों का ब्यौरा प्रस्तुत किया है।

जलशक्ति मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राजस्थान को 1744 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल और 1360 मिलियन क्यूबिक मीटर सिंचाई जल मिलेगा। राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकारों के बीच 5 दिसंबर 2024 को भारत सरकार की मौजूदगी में इस परियोजना के लिए एमओयू साइन किया गया था।

केन्द्रीय मंत्रालय के अनुसार राजस्थान में ईआरसीपी-पीकेसी लिंक परियोजना से 21 जिलों की जनसंख्या को पेयजल के लिए 1744 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। वहीं, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआरसी) और अन्य उद्योगों के लिए 205 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी और 2.5 लाख हेक्टेयर से अधिक नए सिंचित क्षेत्र को 1360 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। इसके अलावा 1.5 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षेत्र को स्थिर करने की व्यवस्था भी की गई है।

ईआरसीपी-पीकेसी लिंक से राजस्थान के झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, गंगापुर सिटी, दौसा, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरथल तिजारा, कोटपूतली बहरोड़, जयपुर शहरी, जयपुर ग्रामीण, अजमेर, ब्यावर तथा केकड़ी जिलों को पेयजल और सिंचाई का लाभ मिलेगा। वहीं, मध्य प्रदेश के 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को 1815 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलेगा। मालवा क्षेत्र सहित शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, मुरैना, श्योपुर, शाजापुर, आगर मालवा, राजगढ़, सीहोर, गुना, रतलाम, मंदसौर, उज्जैन, धार और देवास को 71 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल आपूर्ति होगी।

बताते चलें कि कुछ समय पहले जब ईआरसीपी-पीकेसी समझौते की जानकारी आरटीआई के जरिए मांगी गई थी, तब राजस्थान सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला बताते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया था। वहीं, एमओयू को लेकर कांग्रेस भी लगातार सवाल पूछ रही थी। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस परियोजना को रामजल सेतु लिंक परियोजनानाम दिया है।

अब जलशक्ति मंत्रालय की ओर से संसद में दी गई जानकारी से यह साफ हो गया है कि दोनों राज्यों को उनकी जरूरत के हिसाब से पानी मिलेगा।