मां व दादी के रोल कर बोर हुईं फरीदा जलाल
वेटरन एक्ट्रेस फरीदा जलाल को दुख है कि उन्हें करियर में ज्यादातर मां और दादी के रोल करने को मिले, जबकि उन्हीं के हमउम्र अनुपम खेर और अमरीश पुरी जैसे एक्टर्स को दमदार रोल मिले।
वेटरन एक्ट्रेस फरीदा जलाल को दुख है कि उन्हें करियर में ज्यादातर मां और दादी के रोल करने को मिले, जबकि उन्हीं के हमउम्र अनुपम खेर और अमरीश पुरी जैसे एक्टर्स को दमदार रोल मिले। फरीदा के अनुसार उन एक्टर्स ने पिता और दादा के अलावा भी कई तरह के दमदार किरदार निभाए।
'ईटाइम्स' को दिए इंटरव्यू में फरीदा जलाल ने कहा, मैं एक चुनौतीपूर्ण भूमिका का इंतजार कर रही हूं, जहां मैं अपना वर्सेटाइल रूप दिखा सकूं। मुझे लगता है कि चलो, एक और मां का रोल लाएं और एक दादी का रोल लाएं मेरे लिए। वही सब कुछ।
फरीदा जलाल ने आगे कहा, मैं दुखी हूं कि मेकर्स को नहीं लगता कि मैं इससे ज्यादा कुछ कर सकती हूं। मैं कुछ रोमांचक करना चाहती हूं। मेरे समकक्ष एक्टरों को बहुत कुछ करने को मिला। दिवंगत अमरीश पुरी से लेकर अनुपम खेर तक, उन्होंने विलेन के साथ-साथ कॉमेडी के रोल बहुत अच्छे से निभाया। वो स्क्रीन पर केवल पिता या दादा का किरदार निभाने तक ही सीमित नहीं थे, बल्कि दुर्भाग्य से सिर्फ मुझे ही एक स्लॉट दिया गया है।
फरीदा जलाल ने साल 1967 में फिल्म 'तकदीर' से एक्टिंग डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में लीड हीरोइन और कई में सपोर्टिंग किरदार निभाए। हालांकि, बाद में उन्हें ज्यादातर फिल्मों में मां और दादी के ही रोल मिले। फरीदा जलाल ने 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे', 'कुछ कुछ होता है' और 'कभी खुशी कभी गम' जैसी फिल्मों में शाहरुख की मां का रोल किया था। इस साल रिलीज हुई संजय लीला भंसाली की सीरीज 'हीरामंडी' में वह ताहा शाह की दादी के रोल में नजर आईं।