लहसुन के भाव में जबरदस्त तेजी की आशंका

राजस्थान में लहसुन उत्पादन के मामले में अग्रणी हाड़ौती अँचल में मौसम की मार के चलते इस साल पैदावार कम हुई है, जिससे लहसुन के भाव में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है।

लहसुन के भाव में जबरदस्त तेजी की आशंका

राजस्थान में लहसुन उत्पादन के मामले में अग्रणी हाड़ौती अँचल में मौसम की मार के चलते इस साल पैदावार कम हुई है, जिससे लहसुन के भाव में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है।

पिछले साल लहसुन के अच्छे भाव मिलने से किसानों ने इस बार लहसुन का रकबा बढ़ाया था, लेकिन नवम्बर से जनवरी तक लगातार मौसम परिवर्तन के चलते उत्पादन 25 से 30 प्रतिशत घट गया। उत्पादन कम और मांग ज्यादा होने से पिछले साल मार्च माह के मुकाबले इस बार लहसुन के भाव दोगुने चल रहे हैं। मंडी में फिलहाल मध्यप्रदेश के जिलों से लहसुन की आवक हो रही। स्थानीय लहसुन की आवक 10 से 15 अप्रेल तक शुरू होगी, तब भावों में कुछ कमी हो सकती है। व्यापारियों का मानना है कि उत्पादन कम होने से इस साल भी लहसुन के भाव 30 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकते हैं।

संभाग में करीब 70 हजार हैक्टेयर में लहसुन की बुवाई की गई और औसत उत्पादन 6 से 8 लाख मीट्रिक टन सम्भावित था। मगर इस साल नवम्बर से जनवरी तक लगातार बारिश और तेज सर्दी से उत्पादन पर असर पड़ा। वैसे प्रति बीघा औसत लहसुन उत्पादन 12 से 16 क्विंटल होता है, लेकिन इस बार उत्पादन घटकर 9 से 12 क्विंटल प्रति बीघा ही रह गया। ऐसे में संभाग में एक से डेढ़ लाख मीट्रिक टन उत्पादन कम हुआ है।

लहसुन व्यापारियों के अनुसार इस साल भी लहसुन के भाव 30 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक जा सकते हैं। सरकार की नीति क्या रहेगी, इस पर भी निर्भर करता है। अगर निर्यात पर छूट मिलती है तो बाजार आसमान छू जाएगा। पिछले साल भी बांग्लादेश व मलेशिया में लहसुन का निर्यात किया गया था। हर बार आवक बढ़ने के साथ भाव कम होते हैं, लेकिन माल की आवक से पहले ही पता चल गया कि उत्पादन कम हुआ है।

व्यापारियों ने बताया कि पिछले साल मार्च-अप्रेल में औसत भाव 4000 रुपए के आसपास थे, लेकिन इस साल मार्च में ही औसत भाव 9500 रुपए चल रहे हैं। वर्तमान में 4800 से 14500 रुपए प्रति क्विंटल भाव चल रहे हैं।