गहलोत ने नकारी सचिन पायलट से अनबन, कहा-हमेशा साथ रहे
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया में उनकी सचिन पायलट से चल रही अनबन की खबरों को सिरे से नकारते हुए कहा कि मैं और पायलट कब अलग थे ? हम तो हमेशा साथ रहे हैं।

राजस्थान के दौसा जिले से बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बड़ा बयान दिया। उन्होंने मीडिया में उनकी सचिन पायलट से चल रही अनबन की खबरों को सिरे से नकारते हुए कहा कि मैं और पायलट कब अलग थे ? हम तो हमेशा साथ रहे हैं। दोनों में खूब मोहब्बत है। यह तो मीडिया चलाता रहता है।
दौसा जिला मुख्यालय के पास जीरोता-भंडाना स्थित राजेश पायलट स्मारक पर उनकी 25वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। समारोह में काफी समय बाद सचिन पायलट और अशोक गहलोत एक साथ नजर आए। इस दौरान गहलोत ने कहा कि राजेश पायलट और उनका 18 साल तक साथ रहा। वे अचानक छोड़कर चले गए, इसका आज भी कष्ट है। उनका गरीबों के प्रति, आमजन के प्रति लगाव था। उनको लेकर कितना उत्साह है लोगों के अंदर, आज बुजुर्ग भी आए हैं, नौजवान भी आए हैं। जिन्होंने उनके साथ काम किया, वो भी आए और जिन्होंने उनके बारे में सुना है, वो भी आए हैं।
प्रार्थना सभा स्थल पर राजेश पायलट से संबंधित प्रदर्शनी भी लगाई गई। सचिन पायलट और अशोक गहलोत सहित कई नेता प्रार्थना सभा से उठकर प्रदर्शनी देखने गए। इस दौरान भीड़ उमड़ पड़ी। सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच में भीड़ आ गई। सचिन पायलट ने देखा कि गहलोत पीछे रह गए तो पायलट खुद रुक गए और अशोक गहलोत को साथ लिया, तब आगे बढ़े।
कार्यक्रम में राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर रंधावा, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, राजस्थान के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, म.प्र. प्रभारी हरीश चौधरी, राजस्थान के सहप्रभारी सचिव चिरंजीव राव सहित कांग्रेसी सांसद, विधायक, पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता और आमजन ने भाग लिया और राजेश पायलट को श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह कार्यक्रम सिर्फ श्रद्धांजलि तक सीमित नहीं रहा, बल्कि कांग्रेस के अंदर चल रही राजनीतिक खींचतान के बीच एकजुटता और तालमेल का संदेश दे गया। सचिन पायलट और अशोक गहलोत की मंच पर साफ मौजूदगी ने यह संकेत दिया कि राजस्थान कांग्रेस अब मतभेदों को पीछे छोड़कर एकजुट होकर आगे बढ़ना चाहती है।
कुछ दिन पहले ही सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जयपुर स्थित सिविल लाइंस सरकारी आवास पर पहुंचे थे। यह मुलाकात राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए निमंत्रण देने के सिलसिले में हुई थी। ज्ञात हो कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच लंबे समय से सियासी तनाव रहा है। 2018 के विधानसभा चुनाव में जब सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, तब कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री बनाया। इसके बाद डेढ़ साल में ही दोनों नेताओं के बीच मतभेद गहरे हो गए।