ख्वाजा साहब का 813वां उर्सः पहुंचने लगे जायरीन

अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 813 वें उर्स के लिए विश्राम स्थली में जायरीन पहुंचने लगे हैं। जायरीन के लिए 15 वाटर प्रूफ डोम, नमाज के लिए डोम और छोटे-छोटे टेंट लगाए गए हैं।

ख्वाजा साहब का 813वां उर्सः पहुंचने लगे जायरीन

अजमेर में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 813 वें उर्स के लिए विश्राम स्थली में जायरीन पहुंचने लगे हैं। कड़ाके की सर्दी के चलते जायरीन के लिए 15 वाटर प्रूफ डोम, नमाज के लिए डोम और छोटे-छोटे टेंट लगाए गए हैं।

अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती ने बताया कि 28 जमादि उस्मानी यानि आज सालभर में पेश किया गया संदल उतारा गयाउसका जायरीन में वितरण किया गया29 जमादि उस्मानी (1 अथवा 2 जनवरी) को सुबह 4.30 बजे जन्नती दरवाजा खोला जाएगा।

सचिव चिश्ती के अनुसार चांद रात (1-2 जनवरी) से छह रजब (7-8 जनवरी) तक आस्ताना शरीफ सुबह 4 बजे खुलेगा और खिदमत होगी। इसके बाद शाम 7.30 बजे खिदमत और पहला गुस्ल और रात्रि 12.30 बजे गुस्ल दिया जाएगा। 9 रजब यानि 10-11 जनवरी को सुबह 9 बजे  और इसके बाद दोपहर 3 बजे खिदमत होग। शाम 4 से रात्रि 9.30 बजे आस्ताना खुला रहेगा।

ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 813 वें उर्स के लिए मलंग छड़ियां और झंडे लेकर रविवार को दूदू पहुंचे। अंजुमन सैयद जादगान के सदस्य सैयद इमरान चिश्ती भी मलंगों के साथ पैदल चल रहे हैं। मलंग दूदू से आज अजमेर की तरफ रवाना हुए। बुधवार को मलंग-फकीर अजमेर पहुंचेंगे और गंज स्थित कुतुब साहब के चिल्ले पर रुकेंगे। इसके बाद वह परम्परानुसार गरीब नवाज की दरगाह में छड़ियां और झंडे पेश करेंगे।