महाकुंभ में वापस लौटीं हर्षा रिछारिया

विवादों में घिरीं साध्वी हर्षा रिछारिया महाकुंभ में वापस आ गईं हैं। उन्होंने महाकुंभ छोड़ कर नहीं जाने का ऐलान किया है। संतों ने उन्हें बेटी के रूप में नवाजा।

महाकुंभ में वापस लौटीं हर्षा रिछारिया

िवादों में घिरीं साध्वी हर्षा रिछारिया महाकुंभ में वापस आ गईं हैं। रविवार दोपहर बाद हर्षा श्रीपंचायती निरंजनी अखाड़े के शिविर में पहुंचीं संतों ने उन्हें बेटी के रूप में नवाजा मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अखाड़ा परिषद और निरंजनी अखाड़े के अध्‍यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी ने कहा कि  29 जनवरी को मौनी अमावस्‍या के दिन दूसरे अमृत स्‍नान पर  हर्षा को निरंजनी अखाड़े के शाही रथ की सवारी से संगम तक ले जाएंगे, िससे ह संतों के साथ भगवा वेष में त्र‍िवेणी की पावन धरा में पुण्‍य की डुबकी लगा सकें 

इस फैसले का विरोध करते हुए शांभवी पीठाधीश्‍वर स्‍वामी आनंद स्‍वरूप ने कहा कि इस तरह का कदम महंत रवींद्र पुरी को नहीं उठाना चाहि वह अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष भी हैं सनातन धर्म की रक्षा की जिम्‍मेदारी उन पर है, ऐसे में उन्हें मॉडल को दोबारा शाही रथ पर सवार करने का अपना इरादा त्याग देना चाहि

महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े की 14 जनवरी मकर संक्रांति पर पेशवाई के दौरान हर्षा रिछारिया रथ पर बैठी थीं इसपर संतों ने आपत्ति जताई थी बेंगलुरु के शांभवी मठ के पीठाधीश्‍वर स्‍वामी आनंद स्‍वरूप महाराज ने कहा है कि ऐसा करना उचित नहीं है इससे समाज में गलत संदेश फैलता है उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "धर्म को इस तरह से शोकेसिंग (प्रचार) का हिस्‍सा बनाना खतरनाक हो सकता है साधु-संतों को इससे बचना चाहि, नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे" स्‍वामी अविमुक्‍तेश्‍वरानंद सरस्‍वती ने भी विरोध जताया और कहा कि महाकुंभ में ऐसी परंपरा शुरू करना गलत है यह विकृत मानसिकता को दर्शाता है

संतों के विरोध के बाद हर्षा रिछारिया कुंभ छोड़कर चली गई थीं पर अब उन्होंने महाकुंभ छोड़ नहीं जाने का ऐलान किया है पूरे 45िन तक महाकुंभ में रहेंगी उन्होंने रविंद्र पुरी को पिता तुल्‍य बताया हर्षा ने कहा कि उनके ही कहने पर महाकुंभ नहीं छोड़ने का फैसला लिया है