महाकुंभ में हो आए, श्यामबाबा के लक्खी मेले में कम पहुंचे श्रद्दालु

सीकर जिले के खाटूश्यामजी में चल रहे 12 दिवसीय लक्खी मेले का मंगलवार को समापन हो गया। इसबार के लक्खी मेले में श्रद्धालुओं की संख्या कम रही।

महाकुंभ में हो आए, श्यामबाबा के लक्खी मेले में कम पहुंचे श्रद्दालु

राजस्थान के सीकर जिले के खाटूश्यामजी में चल रहे 12 दिवसीय लक्खी मेले का मंगलवार को समापन हो गया इससे पहले खाटूश्यामजी की भोग आरती हुई और सूरजगढ़ से आए निशान को मंदिर के शिखर पर चढ़ाया गया द्वादशी होने के कारण आज बाबा श्याम को परंपरागत रूप से खीर चूरमे का भोग लगाया गया और मंदिर में छप्पन भोग की झांकी सजाई गई

भोग आरती के बाद लक्खी मेले के समापन की औपचारिक घोषणा श्री श्याम मंदिर कमेटी की ओर से की गई, जिसके बाद श्रद्धालु बाबा श्याम के दर्शन कर वापस अपने घरों को लौटन शुरू हो गए हालांकि हजारों भक्त बाबा श्याम के साथ होली खेलने के लिए रुके हुए हैं और होली के बाद ही खाटू धाम से रवाना होंगे गौरतलब ये रहा कि इसबार के लक्खी मेले में श्रद्धालुओं की संख्या कम रही। प्रयागराज के महाकुंभ में जाने का वजह से बाबा की चौखट पर सीस नवाजने कम भक्त पहुंचे।

बाबा खाटू श्याम का वार्षिक फाल्गुनी लक्खी मेला 28 फरवरी को शुरू हुआ था। देश के कोने-कोने से करीब 25 लाख श्रद्धालु दर्शन करने आए बीते वर्ष 2024 लक्खी मेले में श्रद्धालुओं की संख्या 35 लाख से अधिक थी, जो इस बार करीब 10 लाख कम रही है इसका प्रमुख कारण हाल ही में सम्पन्न महाकुंभ को माना जा रहा है। कुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान के लिए गए थे, जिसके चलते आमजन का आर्थिक बजट गड़बड़ा गया नौकरी और प्राइवेट व्यवसाय करने वाले लोगों ने महाकुंभ में जाने से अपनी छुट्टियां खत्म कर ली थीं। इसके अलावा इस बार वीआईपी पास पूरी तरह बंद किए गए जाने औऱ बोर्ड परीक्षा के कारण भी श्रद्धालु कम आए।

लक्खी मेले के शुरू होने पर करीब 50 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रही थी, जो मेला पूरा होने पर आधी ही संख्या रही जिला और पुलिस प्रशासन की ओर से इस बार श्याम भक्तों के लिए सुरक्षा और सुविधा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे श्री श्याम मंदिर कमेटी की ओर से भी श्याम श्रद्धालुओं के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की गई थीं।