हर टेंडर में लिया 3% कमीशन

ईडी ने दावा किया है कि पूर्व मंत्री महेश जोशी को उनके कार्यकाल में प्रत्येक टेंडर पर 3 फीसदी कमीशन दिया जाता था, जिसे उनके करीबी संजय बड़ाया के माध्यम से लिया जाता था।

हर टेंडर में लिया 3% कमीशन

राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना के तहत सामने आए भ्रष्टाचार के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने जांच लगभग पूरी कर ली है सूत्रों के अनुसार 20 जून तक ईडी इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर सकती है अब तक की जांच में 520 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले के सबूत सामने आए हैं ईडी ने दावा किया है कि पूर्व मंत्री महेश जोशी को उनके कार्यकाल में प्रत्येक टेंडर पर 3 फीसदी कमीशन दिया जाता था, जिसे उनके करीबी संजय बड़ाया के माध्यम से लिया जाता था

ईडी ने हाल ही में 47.80 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है, जिसमें महेश जोशी के परिवार की सांगानेर स्थित दो संपत्तियाँ भी शामिल हैं वहीं, संजय बड़ाया की 8 प्रॉपर्टी अटैच की गईं हैं ठेकेदार महेश मित्तल की 25 करोड़ और पदमचंद जैन की 5 करोड़ की संपत्तियाँ अटैच की गई हैं 

2021 में श्रीश्याम ट्यूबवेल कंपनी और श्रीगणपति ट्यूबवेल कंपनी ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्रों के आधार पर जलदाय विभाग से करोड़ों के टेंडर हासिल किए थे। गणपति कंपनी ने 68 निविदाओं में भाग लेकर 31 टेंडर में एल-1 बनकर 859.2 करोड़ के काम हासिल किए, जबकि श्रीश्याम कंपनी ने 169 निविदाओं में भाग लिया और 73 टेंडर में एल-1 बनकर 120.25 करोड़ के टेंडर लिए 

अगस्त 2021 में एसीबी ने जयपुर के एक होटल से जलदाय विभाग के अधिकारियों और ठेकेदारों को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर जांच की शुरुआत की थी। बहरोड़ और नीमराणा से भी अधिकारी गिरफ्तार किए गए थे। बाद में ईडी और फिर सीबीआई ने भी केस दर्ज किया 4 मई 2024 को ईडी ने सभी दस्तावेज एसीबी को सौंपे और अब चार्जशीट की प्रक्रिया अंतिम चरण में है 

ईडी के चार्जशीट दाखिल होने के बाद इस घोटाले में और भी प्रभावशाली नाम सामने आ सकते हैं मामले में सीबीआई भी समानांतर जांच में जुटी है