मोदी हटेंगे, गडकरी बन सकते प्रधानमंत्री !
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों का रुझान सामने आते ही प्रधानमंत्री की कुर्सी भी चर्चा आ गई है। एनडीए बढत में तो दिख रहा है, लेकिन भाजपा खुद बहुमत पाती नहीं लगती है। ऐसे में नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों का रुझान सामने आते ही प्रधानमंत्री की कुर्सी भी चर्चा आ गई है। आज दोपहर तक के रुझान में भाजपा नीत एनडीए को 2019 जैसी शानदार जीत हासिल होती नहीं दिख रही है। एनडीए बढत में तो दिख रहा है, लेकिन भाजपा खुद बहुमत पाती नहीं लगती है। ऐसे में नरेन्द्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने लेकर संशय के बादल मंडराने लगे हैं।
इस मुद्दे पर मध्य प्रदेश कांग्रेस द्वारा किए गए एक ट्वीट ने देश की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। कांग्रेस ने दावा किया कि ‘नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।’ इसीबीच, नितिन गडकरी को मोदी का उत्तराधिकारी बनाने की चर्चाओं ने भी जोर पकड़ लिया है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस द्वारा सबसे पहले दोपहर करीब साढ़े 12 बजे अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए दावा किया कि ‘नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे।’ इसी के कुछ देर बाद दोपहर 12.53 बजे प्रदेश कांग्रेस ने एक और ट्वीट किया कि ‘सौ की सीधी एक बात, मोदी का इस्तीफ़ा किसी भी पल, बीजेपी बहुमत से हुई दूर।
यदि वाकई भाजपा को अपने बूते पर स्पष्ट बहुमत नहीं मिल रहा है तो चर्चा ये है कि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) क्या नितिन गडकरी प्रधानमंत्री बन सकता हैं? क्योंकि नितिन गडकरी के हमेशा संघ से हमेशा अच्छे रिश्ते रहे हैं। यह भी संयोग है कि वह जिस लोकसभा का प्रतिनिधित्व करते हैं। संघ का मुख्यालय भी उसी में आता है। इस बार चुनावों में नितिन गडकरी नए संकल्प के साथ मैदान में उतरे थे। उन्होंने बिना पोस्टर लगाए हुए चुनाव प्रचार किया था। गडकरी भाजपा के ऐसे नेता है, जिनके नाम पर विपक्ष के कुछ दल भी समर्थन दे सकते हैं। महाराष्ट्र से पीएम बनाए जाने की शर्त पर शिवसेना यूबीटी भी साथ आ सकती है। ऐसा करके संघ और भाजपा शरद पवार की संभावित गुगली को बेकार कर सकती है। शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने चुनावों के बाद देवेंद्र फडणवीस को नितिन गडकरी के जरिए ही निशाने पर लिया था। राउत ने कहा था कि फडणवीस ने गडकरी को सही से समर्थन नहीं दिया। फडणवीस भी नागपुर से आते हैं। वे नागपुर से ही विधायक हैं।
गडकरी भाजपा के उन नेताओं में शामिल हैं, जिनका मुरीद विपक्ष भी है। विपक्ष के कई नेता खुले तौर पर गडकरी की तारीफ कर चुके हैं। गडकरी अपनी साफगोई के लिए जाने जाते हैं। विपक्ष उनके कद को कम करने को लेकर भाजपा खासकर संघ पर निशाना साधता आया है।
ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि अगर भाजपा को अपने बूते पर बहुमत नहीं मिला तो क्या नरेंद्र मोदी तीसरी बार पीएम बनेंगे? उसके अबतक के करियर को देखें तो उन्होंने कभी अल्पमत की सरकार का नेतृत्व नहीं किया है। लिहाजा, चर्चा ये है कि लोकसभा चुनावों के परिणामों में अपेक्षित नंबर नहीं मिलने पर आरएसएस चिंतन और मंथन की मुद्रा में आ गया है। मोदी के कैरियर को देखते हुए संघ गडकरी के नाम पर मुहर लगा सकता है।