मोदी सरकार कराएगी जाति जनगणना
केंद्र की मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आगामी जनगणना के साथ जातिगत गणना भी कराने का निर्णय लिया है।

केंद्र की मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए आगामी जनगणना के साथ जातिगत गणना भी कराने का निर्णय लिया है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट ब्रीफिंग में बताया कि सरकार ने जनगणना के दौरान जातियों की गणना को शामिल करने का निर्णय लिया है।
मंत्री वैष्णव ने कहा, राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जातिगत गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाएगा। यह कदम सामाजिक समावेशिता और नीतिगत योजनाओं को और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण होगा।
वैष्णव ने कहा कि कुछ राज्यों ने जातियों की गणना के लिए सर्वेक्षण किए हैं। कुछ अन्य ने केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से गैर-पारदर्शी तरीके से ऐसे सर्वेक्षण किए हैं। ऐसे सर्वेक्षणों ने समाज में संदेह पैदा किया है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि राजनीति से हमारा सामाजिक ताना-बाना खराब न हो, सर्वेक्षण के बजाय जाति गणना को जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।
मोदी सरकार का यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्षी दलों ने जातिगत जनगणना की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाया हुआ था। राहुल गांधी ने कई मौकों पर कहा था कि जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय और समानता सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने इसे लेकर देशभर में अभियान चलाए और संसद में भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया।
कुछ राज्यों में पहले ही जातिगत जनगणना कराई जा चुकी है। बिहार, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे राज्यों ने अपने स्तर पर जाति आधारित सर्वेक्षण किए हैं, जिनके परिणामों ने सामाजिक और राजनीतिक चर्चाओं को नई दिशा दी है। बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने 2023 में जातिगत जनगणना कराई थी, जिसके आंकड़ों ने राज्य में आरक्षण और सामाजिक नीतियों पर व्यापक बहस छेड़ दी थी।