सुप्रीम कोर्ट ने गरीब छात्र को दिलाया दाखिला
एक गरीब छात्र के भविष्य के लिए सुप्रीम कोर्ट आगे आया है. कोर्ट ने आईआईटी, धनबाद को छात्र को दाखिला देने का आदेश दिया है।
एक गरीब छात्र के भविष्य के लिए सुप्रीम कोर्ट आगे आया है. कोर्ट ने आईआईटी, धनबाद को छात्र को दाखिला देने का आदेश दिया है। समय पर 17,500 रुपये की फीस नहीं भर पाने के कारण इस छात्र का दाखिला नहीं हो पाया था। कोर्ट ने कहा कि प्रतिभाशाली छात्रों को निराश नहीं किया जाना चाहिए। सीजेआई डी.वाई चंद्रचूड़ ने अदालत में मौजूद छात्र से कहा-- ऑल द बेस्ट... अच्छा करिए।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में रहने वाले एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे ने कड़ी मेहनत करके जेईई एडवांस्ड की परीक्षा पास की थी। छात्र को आईआईटी, धनबाद में दाखिला लेना था, लेकिन मय पर पैसे नहीं जमा कर पाने के कारण उसका दाखिला अटक गया और सीट उसके हाथ से चली गई।
मजबूर छात्र और उसके पिता ने यूनिवर्सिटी से लेकर एससी-एसटी आयोग, झारखंड हाईकोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट के चक्कर काटे, लेकिन 3 महीने तक दौड़ने के बाद भी जब उसको कुछ हासिल नहीं हुआ तो उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
आईआईटी, धनबाद में सीट मिलने के बाद फीस जमा करने को लिए केवल 4 दिन का समय मिला था। 24 जून को शाम 5 बजे तक पिता राजेन्द्र को बेटे की फीस जमा करनी थी। राजेंद्र किसी तरह 24 जून को शाम करीब 4:45 बजे तक पैसे का इंतजाम कर पाए। चूंकि समय कम था, इसलिए उन्होंने पैसे छात्र अतुल के भाई के बैंक अकाउंट में जमा करवा दिए।
अतुल ने वेबसाइट पर जरूरी दस्तावेज अपलोड कर दिए, लेकिन इसीबीच नेट अटकने से जब तक वो फीस जमा करता, 5 बज चुके थे।
सुप्रीम कोर्ट में अतुल और उसके पिता ने अपनी बात मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष रखी। पीठ ने इस पर सुनवाई करते हुए ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी, आईआईटी एडमिशन और आईआईटी, मद्रास से जवाब मांगा था। आज सभी के जवाब पर गौर करने के बाद कोर्ट ने छात्र के पक्ष में फैसला सुनाया।