बूंदी के पुजारी हत्याकांड के सभी आरोपी बरी

बूंदी में डोबरा महादेव के पुजारी की हत्या के मामले में एससी-एसटी कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया। न्यायाधीश संजय कुमार गुप्ता ने तीनों को हत्या के आरोप से बरी कर दिया। 

बूंदी के पुजारी हत्याकांड के सभी आरोपी बरी

बूंदी में डोबरा महादेव के पुजारी की हत्या के मामले में एससी-एसटी कोर्ट ने तीनों आरोपियों को बरी कर दिया। जिन तीन आरोपियों को इस मामले में मुलजिम बनाकर कोर्ट में पेश किया गया था, उनके खिलाफ पेश किए गए सबूतों को साबित करने में पुलिस नाकाम रही। इसके चलते न्यायाधीश संजय कुमार गुप्ता ने तीनों को हत्या के आरोप से बरी कर दिया। 

साल 2022 में हुई इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश था और पुलिस पर दबाव था, जिसके कारण कुछ ही दिनों में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई थी।  

अधिवक्ता गीतेश पंचोली के अनुसार सिटी कोतवाली पुलिस में मंदिर से जुड़े अभिषेक नामक युवक ने पुजारी विवेकानंद शर्मा की हत्या और चारभुजा महाराज की मूर्ति चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने प्रकरण संख्या 202/22 के तहत धारा 302 और धारा 4/25 एक्ट में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। लोगों के प्रदर्शन और दबाव के चलते पुलिस ने लोकेश उर्फ बिट्टू, सोनू और बादल को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। पर कोर्ट में , पुलिस इन आरोपियों पर लगे आरोपों को सिद्ध नहीं कर सकी, जिसके चलते न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।  

इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाहों के बयान और 118 दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत किए गए थे, जबकि बचाव पक्ष ने 6 दस्तावेज पेश किए सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पाया कि पुलिस कॉल डिटेल और सीसीटीवी फुटेज पेश नहीं कर सकी इसके अलावा, पुलिस द्वारा जब्त किए गए चाकू और मूर्ति से जुड़े सबूत भी संदिग्ध साबित हुए इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने संदेह का लाभ देते हुए तीनों आरोपियों को हत्या और चोरी के मामले से दोष मुक्त कर दिया है 

घटना के बाद पुलिस की ओर से व्यापक जांच की गई थी मामला बढ़ता देख एसपी जय यादव ने विशेष जांच दल (असआईटी) का गठन किया, जो पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया था मंदिर सेवा समिति से जुड़े आशुतोष शर्मा ने बताया कि पुजारी विवेकानंद शर्मा पिछले 25 सालों से डोबरा महादेव मंदिर में सेवा कर रहे थे वे मंदिर में ही रहकर पूजा-अर्चना करते थे यह मंदिर तारागढ़ पहाड़ी के बीच स्थित है और जंगलों से घिरा हुआ है साल 2018 में भी यहां से एक बेशकीमती मूर्ति चोरी हो चुकी थी, जिसके बाद मंदिर में एक नई मूर्ति स्थापित की गई थी बदमाशों को लगा कि यह मूर्ति भी कीमती हो सकती है, इसी कारण उन्होंने चोरी की कोशिश की और पुजारी की हत्या कर दी