राजस्थान विधानसभा का ‘अपशकुन’ दूर करने को सुधारा वास्तु !
राजस्थान विधानसभा पर 25 साल से मंडरा रहा ‘अपशकुन’ का साया दूर किए जाने का भरोसा खुद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने जताया है। आगे चार साल तक सभी दौ सो विधायक रहें, इसलिए वास्तु शास्त्रियों से सुझाव लेकर बदलाव किए गए हैं।

राजस्थान विधानसभा पर 25 साल से मंडरा रहा ‘अपशकुन’ का साया दूर किए जाने का भरोसा खुद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने जताया है। उन्होंने बताया कि वास्तुशास्त्रियों से न सिर्फ सुझाव लिए गए, बल्कि इन सुझावों के आधार पर विधानसभा भवन में रंग से लेकर कई बदलाव किए गए हैं। क्यंकि हर बार किसी न किसी वजह से विधायक कम हो जाते हैं। आगे चार साल तक सभी दौ सो विधायक रहें, इसलिए वास्तु शास्त्रियों से सुझाव लेकर बदलाव किए गए हैं।
इन बदलावों में सदन में कुर्सियों और कार्पेट का रंग हरा से गुलाबी किया गया है। कागज के बजाय विधायकों की टेबल पर लेपटॉप रखवाए गए हैं। विधायकों का प्रवेश अब तक पश्चिम द्वार से होता था, वह अब पूर्वी द्वार से होगा। विधायक पश्चिम द्वार से बाहर निकलेंगे। दक्षिण पश्चिम में खाली जगह पर टेंट लगाए गए हैं।
स्पीकर देवनानी ने सदन में कहा कि उनकी कोशिश है कि पिछले कुछ सालों से चला रहा मिथक टूटे। सत्र में आने वाले 4 सालों में सभी 200 सदस्य एक साथ उपस्थित रहें। इसके लिए आने वाले दिनों में और भी बदलाव प्रस्तावित हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ सालों में सदन में एक साथ दो सौ विधायकों की उपस्थिति नहीं हो पा रही है। इसका कारण विधानसभा भवन में कथित तौर वास्तुदोष बताया जाता है। हर कार्यकाल में यहां किसी न किसी विधायक की मौत हो जाती है। बहुत कम अवसर ऐसे आए हैं जब विधानसभा में सभी 200 विधायक एक साथ बैठे हों। ये मुद्दा सदन में समय-समय पर उठता रहा है। मौजूदा विधानसभा में भी सभी दो सौ सदस्य चुनकर आए थे, लेकिन कुछ माह बाद ही एक विधायक की मौत हो गई। उनकी रिक्त सीट पर हाल ही में उपचुनाव कराया गया है।