राजस्थानः कोचिंग सेंटरों को 15 दिन का अल्टीमेटम
दिल्ली में हुए कोचिंग हादसे के बाद राजस्थान की भजनलाल सरकार अलर्ट मोड पर है। राज्य सरकार ने सभी कोचिंग सेंटरों और लाइब्रेरी को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। इस दौरान उन्हें अपनी सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त कर एनओसी लेनी होगी, वरना सीलिंग की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

दिल्ली में हुए कोचिंग हादसे के बाद राजस्थान की भजनलाल सरकार अलर्ट मोड पर है। राज्य सरकार ने सभी कोचिंग सेंटरों और लाइब्रेरी को 15 दिनों का अल्टीमेटम दिया है। इस दौरान उन्हें अपनी सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त कर एनओसी लेनी होगी, वरना सीलिंग की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे कोचिंग सेंटरों और लाइब्रेरी की जांच करें। खास तौर पर बेसमेंट में चल रहे संस्थानों पर कड़ी नज़र रखी जाए।
दिल्ली के कोचिंग सेंटर में बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत की घटना के राजस्थान में नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग ने प्रदेश के कोचिंग मालिकों को चेताया है। विभाग ने प्रदेश के सभी विकास प्राधिकरण, परिषद, नगर निगम, नगर विकास न्यास को बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार निर्माण नहीं करने वाले भवन, इमारतों का निराक्षण कर उन्हें सील करने के निर्देश दिए हैं।
विभाग का कहना है कि फायर एनओसी नहीं लेने वालों को 15 दिन का नोटिस दिया गया है। इसके बाद एनओसी नहीं होने पर सील करने की कार्रवाई शुरू होगी। इनमें शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग सेंटर, व्यावसायिक कॉम्पलेक्स, सिनेमा हॉल, चिकित्सा भवन, छात्रावास, होटल, रेस्टोरेंट, सभागार व अन्य भवन इमारत शामिल हैं।
बता दें कि ग्रेटर नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर अधिकारियों के साथ मंगलवार को जयपुर में गोपालपुरा बायपास स्थित कोचिंग संस्थानों में सुरक्षा मानकों को जांचने पहुंचीं थीं। वहां आपातकालीन गेट की व्यवस्था व फायर एनओसी नहीं होने के साथ-साथ क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाने और नगरीय विकास कर बकाया होने के चलते दो कोचिंग संस्थान को सील कर दिया गया। महापौर ने बच्चों से कहा कि कोचिंग संस्थान में यदि कोई खामी है तो ग्रेटर नगर निगम के टोल फ्री नम्बर 0141-2747400 शिकायत कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, सीकर, भरतपुर और नागौर में कोचिंग सेंटरों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है। राज्य में लगभग 5000 से भी ज़्यादा कोचिंग सेंटर हैं, जहां 10 लाख से ज़्यादा बच्चे पढ़ते हैं। कोटा शहर तो कोचिंग का गढ़ बन चुका है, जहाँ हर साल देशभर से लगभग 2 लाख बच्चे डॉक्टर और इंजीनियर बनने का सपना लेकर आते हैं। जानकारों का मानना है कि राज्य में चल रहे 100 प्रतिशत कोचिंग सेंटरों में से मुश्किल से 10 प्रतिशत ही सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हैं। यही वजह है कि सरकार ने अब सभी को 15 दिनों की मोहलत दी है। अगर इस दौरान वे अपनी व्यवस्था दुरुस्त नहीं करते हैं तो 15 अगस्त के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।