राजस्थानः मंगला पशु बीमा योजना लक्ष्य से पिछड़ी
राजस्थान की मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना को लेकर अधिकतर जिलों के पशुपालक रुचि नहीं दिखा रहे हैं। केवल आठ जिलों में योजना को हाथों हाथ लिया गया है। बाकी जिले निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे हैं।

राजस्थान की भजनलाल सरकार की ओर से पशुओं के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री मंगला पशु बीमा योजना को लेकर अधिकतर जिलों के पशुपालक रुचि नहीं दिखा रहे हैं। केवल आठ जिलों में योजना को हाथों हाथ लिया गया है। इऩ जिलों में पशु बीमा योजना से जुड़ने वालों की संख्या उम्मीद से ज्यादा है। पर बाकी जिले निर्धारित लक्ष्य से काफी पीछे हैं।
राज्य के 41 जिलों में से केवल 8 जिलों में ही लक्ष्य से अधिक रजिस्ट्रेशन हुए हैं, जबकि शेष 33 जिलों में पशुपालकों ने योजना में कम रुचि दिखाई। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने कलेक्टरों को योजना की निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
सूत्रों के अनुसार प्रदेश में निर्धारित लक्ष्य की तुलना में अब तक केवल 66% पशुओं का ही बीमा हो पाया है। पशुपालकों की कम रुचि को देखते हुए सरकार को तीसरी बार आवेदन की तिथि बढ़ानी पड़ी है। पिछली दो बार की तरह इस बार भी इसे अंतिम तिथि बताया गया है। अभी तक ब्यावर जिले में सर्वाधिक पंजीकरण हुआ, जबकि सिरोही जिले में सबसे कम पशुपालकों ने आवेदन किया है।
योजना में आवेदन की अंतिम तिथि तीन बार बढ़ाई जा चुकी है। शुरुआत में 13 दिसंबर से 12 जनवरी तक का समय दिया गया था, लेकिन लक्ष्य पूरा न होने पर इसे 22 जनवरी और फिर 31 जनवरी तक बढ़ाया गया। फिर भी रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य पूरा नहीं होने पर सरकार ने अंतिम तिथि 11 फरवरी कर दी है। सरकार योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रही है, ताकि पशुपालकों को अधिक संख्या में योजना से जोड़ा जा सके।
पहले चरण में सरकार ने 21 लाख पशुओं का बीमा करने का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब तक केवल 13.94 लाख पशुओं का ही रजिस्ट्रेशन हो सका है। सूत्रों का कहना है कि योजना में कई विसंगतियों के कारण पशुपालक इसमें रुचि नहीं ले रहे हैं, भले ही यह योजना निशुल्क हो।
पंजीयन में अव्वल--ब्यावर – 158.07%, बांसवाड़ा – 149.91%, डूंगरपुर – 116.80%, सलुंबर – 115.18%, बूंदी – 112.90%, कोटपुतली – 106.94%, बारां – 105.05% तथा कोटा – 103.22%। फिसड्डी जिले-- सिरोही –27.93%), बाड़मेर – 29.78%, जैसलमेर – 31.78% तथा पाली – 37.15%।