रेपो रेट में लगातार 11वीं बार बदलाव नहीं
केंद्रीय बैंक ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट पिछली 11 पॉलिसीज से 6.5% पर बरकरार है।

रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांता दास ने आज कहा कि 4, 5 और 6 दिसंबर के दौरान हुई मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में मॉनिटरी पॉलिसी समेटी (एमपीसी) ने 4:2 मत से पॉलिसी रेट्स में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। क्योंकि महंगाई को काबू में रखना आरबीआई का काम है। वहीं, जीडीपी ग्रोथ पर भी ध्यान रखना जरूरी है।
4 से 6 दिसंबर तक चली भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की मीटिंग के बाद रिजर्व बैंक गवर्नर दास ने कमेटी के फैसलों की जानकारी दी। केंद्रीय बैंक ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट पिछली 11 पॉलिसीज से 6.5% पर बरकरार है।
रेपो रेट वह दर है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अन्य बैंकों को कर्ज देता है। रिजर्व बैंक बाजार में जब नकदी प्रवाह बढ़ाने के लिए रेपो रेट में कटौती करता है, तो इसका सीधा असर कर्ज की लागत पर पड़ता है। मतलब, कर्ज लेना सस्ता हो सकता है, जो होम लोन या अन्य लोन लेने वाले लोगों के लिए फायदेमंद होता है।
रेपो रेट घटने से बैंक अपने रेपो-लिंक्ड लोन की ब्याज दरों को कम कर सकते हैं, जिससे आपकी ईएमआई कम हो जाती है। इसके अलावा, बैंकों को आरबीआई से कम दरों पर कर्ज मिलने के कारण उनके पास अधिक धनराशि होती है, जिससे वे डिपॉजिट रेट्स बढ़ाने का भी फैसला कर सकते हैं।
शक्तिकांता दास ने कहा कि इंडस्ट्रियल गतिविधियों में अब सुधार की उम्मीद है। वहीं मॉनसून के खत्म होने के बाद सीमेंट, मेटल में सुधार की उम्मीद भी है।