साड़ी से भी हो सकता कैंसर
कमर पर कसकर बांधी गई साड़ी महिलाओं में त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है। इस प्रकार के कैंसर को "साड़ी कैंसर" कहा जाता है।
साड़ियों को यदि सही तरीके से चुना या पहना न जाए तो ये जानलेवा भी हो सकती है। लिहाजा, सिल्क, शिफॉन या जूट की साड़ियों को खरीदते और पहनते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
कुछ अध्ययनों से पता चला है कि कमर पर कसकर बांधी गई साड़ी महिलाओं में त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है। इस प्रकार के कैंसर को "साड़ी कैंसर" कहा जाता है। ये उन महिलाओं को ज्यादा होने की संभावना रहती है जो हमेशा साड़ी ही पहनती हैं।
साड़ी से प्राकृतिक रूप से कैंसर नहीं हो सकता, लेकिन महिलाएं साड़ी बांधने के लिए सूती पेटीकोट के नाड़े को अपनी कमर पर कस कर बांध लेती हैं, जिससे उन्हें साड़ी पहनने में आसानी हो जाती है। पर यह आसानी ही उनकी जान भी ले सकती है। क्योंकि अगर एक ही कपड़े को लंबे समय तक कस कर पहना जाए तो वह कमर पर लगातार रगड़ने लगता है, वहां की त्वचा छिलने लगती है और काली पड़ जाती है। इससे कैंसर का खतरा बढ़ता है, जिसे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (SCC) के नाम से जाना जाता है। आम बोलचाल की भाषा में इसे "साड़ी कैंसर" कहा जाता है।
मुंबई के आरएन कूपर अस्पताल में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएं नियमित रूप से साड़ी पहनती हैं, उनमें कमर पर त्वचा कैंसर होने का खतरा तीन गुना अधिक होता है।
बचाव के उपाय
रोजाना साड़ी पहनने वाली महिलाएं ढीली-ढाली साड़ी पहनने का प्रयास करें। कम से कम 20 मिनट हर दिन व्यायाम करें। अगर वजन बढ़ा हुआ है तो साड़ी पहनने से बचें। स्वस्थ आहार खाएं और संतुलित वजन बनाए रखें। त्वचा की नियमित जांच कराएं और किसी भी घाव के बारे में डॉक्टर से सम्पर्क करें।