बागी बनो, टिकट पाओ

राजस्थान में तीन सीटों पर कांग्रेस औऱ भाजपा ने उन लोगों को अपनी पार्टी का प्रत्याशी बनाया है, जो पिछले चुनावों में बगावत कर अपनी ही पार्टी के खिलाफ विरोध का बिगुल बजा चुके हैं।

बागी बनो, टिकट पाओ

राजस्थान में सात सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव हो रहे हैं। इनमें से तीन सीटों पर कांग्रेस औऱ भाजपा ने उन लोगों को अपनी पार्टी का प्रत्याशी बनाया है, जो पिछले चुनावों में बगावत कर अपनी ही पार्टी के खिलाफ विरोध का बिगुल बजा चुके हैं।

रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र-- यहां से भाजपा ने सुखवंत सिंह को टिकट दिया है। इस सीट से भाजपा ने सुखवंत सिंह को वर्ष 2019 के उपचुनाव में टिकट दिया था, लेकिन वह कांग्रेस की साफिया खान से हार गए थे। इसके बाद उऩको वर्ष 2023 में टिकट नहीं मिला तो बागी होकर भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर गए। न्होंने आजाद समाज पार्टी से चुनाव लड़ा और भाजपा प्रत्याशी जय आहजा को नुकसान पहुंचाया। इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई। खुशवंत ने उस चुनाव में अच्छे वोट हासिल थे। यही देखकर इन्हें बीते लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल किया गया और अब उपचुनाव में टिकट दे दिया। टिकट की उम्मीद लगाए जय आहजा ने बगावत शुरू कर दी। उन्होंने सुखवंत सिंह पर पिछले चुनाव में हराने के आरोप लगाए। भाजपा ने जय आहजा को मना लिया है।

झुंझुनूं विधानसभा सीट--- इस सीट से भाजपा ने राजेन्द्र भांबू को प्रत्याशी बनाया है। भांबू ने वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से ही टिकट मांगा था, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर वे बागी हो गए। इस उपचुनाव में भाजपा ने पिछले चुनाव के बागी पर ही भरोसा जताया। भांबू को टिकट मिलते ही वहां टिकट की उम्मीद लगाए बैठे निषीत चौधरी बबलू ने विरोध शुरू कर दिया। हालांकि बाद में सीएम भजनलाल शर्मा ने निषीत चौधरी बबलू को भी समझा दिया। यहां से कांग्रेस ने शीशराम ओला के बेटे अमित ओला को प्रत्याशी बनाया है।

सलूम्बर विधानसभा सीट---- इस सीट पर कांग्रेस ने वर्ष 2018 में बागी होकर विधानसभ चुनाव लडऩे वाली रेशमा मीणा को इस बार उपचुनाव में टिकट दिया है। इस कारण पूर्व सांसद रघुवीर मीणा ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। रघुवीर मीणा के समर्थकों ने तो यहां तक कह दिया है कि वे रेशमा मीणा की जमानत जब्त करा देंगे। रेशमा ने पूर्व में बागी होकर चुनाव लड़ा था, जिस कारण उन्हें कांग्रेस पार्टी ने पांच साल तक निष्कासित भी कर दिया था। पिछले साल ही रेशमा की कांग्रेस में वापसी हुई है।