ट्रेन पलटाकर यात्रियों को लूटने का था प्लान
गुजरात-असारवा से जयपुर आ रही करीब दो हजार यात्रियों से भरी ट्रेन को लूटने के इरादे से बदमाशों ने रेलवे ट्रेक पर सरिये बिछाए थे। आरोपियों की योजना ट्रैक पर सरियों से रेल को पलटी खिलाकर यात्रियों को लूटने की ही थी।

गुजरात-असारवा से जयपुर आ रही करीब दो हजार यात्रियों से भरी ट्रेन को लूटने के इरादे से बदमाशों ने रेलवे ट्रेक पर सरिये बिछाए थे। इसका खुलासा पुलिस ने गुरुवार को पांच आरोपियों की गिरफ्तारी व एक बालक को निरुद्ध करने के साथ किया है। आरोपियों की योजना ट्रैक पर सरियों से रेल को पलटी खिलाकर यात्रियों को लूटने की ही थी। इसके लिए आरोपियों ने सुनसान जगह को चुनने के साथ ही पूरा षड़यंत्र रचा। आरोपी इससे पूर्व में बाइक-कार सवारों से लूटपाट करते थे, लेकिन अधिक पैसे की लालच में उन्होंने रेल यात्रियों को लूटने की योजना बना डाली।
पुलिस ने मामले में डूंगरपुर के ददोड़िया निवासी निलेश पुत्र कारूलाल कटारा, अविनाश पुत्र नारायणलाल कटारा, रोहित पुत्र बाबूलाल कटारा, अजय उर्फ बावा पुत्र जीवा कटारा, मुकेश पुत्र लक्ष्मण अहारी को गिरफ्तार करने के साथ ही एक विधि से संघर्षरत बालक को निरुद्ध किया हैं। सभी आरोपियों की उम्र 19 से 27 वर्ष है।
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे मोटर साइकिल सवार व कार चालकों से लूटपाट करते थे, लेकिन इससे अधिक राशि नहीं मिलती थी। अधिक पैसे वाले बनने की फिराक में शराब पीने के बाद ददोड़िया श्मशान घाट के पास बैठकर ट्रेन को पलटी खिलाकर यात्रियों से लूट की योजना बनाई।
बदमाशों को 21 जुलाई को असारवा -जयपुर ट्रेन के रात दस बजे छैला खेरवाड़ा पटरी से गुजरने की जानकारी थी। यह सुनसान इलाका होने के साथ ही पटरियों पर भी कोई नहीं होता है, जिसके चलते आरोपी नीलेश, अविनाश व रोहित तीनों ने मिलकर इसी जगह रेल हादसा करवाकर लूट का प्लान बनाया। इसके लिए बड़ली पुल के पास नदी में सार्वजनिक निर्माणाधीन कुएं के पास पड़े लोहे के 12-12 फीट लंबाई एवं 12 एमएम मोटाई के 20 से 22 सरिये लाकर पटरी पर रख दिए थे।
इस दौरान आरोपी अविनाश ने ट्रेन लूटने के इरादे से अजय उर्फ बावा को फोन किया। वो मुकेश व बालक को लेकर रेल लूटने के स्थान छैला खेरवाड़ा पर आ गए। पर उनकी साजिश ट्रेन चालक की सजगता से विफल हो गई। लोको पायलट ने पटरियों पर कुछ होने के आभास पर ट्रेन को छैली खेरवाड़ा आकर रोक दिया। यह देखकर रोहित, अजय उर्फ बावा, मुकेश व बालक भागकर पहाड़ी पर चढ़ गए एवं नीलेश व अविनाश बाइक लेकर भाग गए।