‘जब पेड़ नहीं लगाया तो लकड़ी से शव जलाने का हक नहीं’
जोधपुर एम्स में रविवार को एक युवक ने अपनी मौत होने के बाद शरीर को दान करने का रजिस्ट्रेशन करवाया है, युवक का नाम कालुराम है। उसने कहा-जब मैं जिंदगी में एक पेड़ लगा नहीं सका तो उसकी लकड़ी का उपयोग करने का मुझे हक भी नहीं है।

जोधपुर एम्स में रविवार को एक युवक ने अपनी मौत होने के बाद शरीर को दान करने का रजिस्ट्रेशन करवाया है, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन ने युवक का सम्मान किया। युवक का नाम कालुराम है। उसका जन्म एक बेहद साधारण परिवार में हुआ और परवरिश भी बहुत साधारण माहौल में हुई है। कालुराम पाली जिले के रोहिट कस्बे का रहने वाला है और पेशे से एक दर्जी है। उसने फैसला किया कि मृत्यु के बाद उसके शरीर को जलाया नहीं जाए। इसीलिए उसने अपना शरीर जोधपुर एम्स में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स के लिए दान कर दिया।
कालूराम ने बताया, मेरा मन कुछ अलग करने का था। मैंने ये फैसला अभी के समय में जिस तरह से पेड़ों की कटाई हो रही है, उसको देखकर लिया है। मेरे मरने के बाद मुझे जलाने के लिए कोई पांच पेड़ नहीं काटे। मैं चाहता हूं कि मेरे मरने के बाद जलाने के लिए लकड़ी का उपयोग नहीं हो। 100 में से 20 लोग ही होते हैं, जो कभी पेड़ लगाते हैं। मैं चाहता हूं कि जब मैं जिंदगी में एक पेड़ लगा नहीं सका तो उसकी लकड़ी का उपयोग करने का मुझे हक भी नहीं है।
कालूराम के इस निर्णय के बाद उनका परिवार चिंतित हो गया, लेकिन जब कालूराम ने बताया कि मेरे इस कदम से और भी लोग प्रेरित होकर पर्यावरण और मेडिकल स्टूडेंट्स की भलाई के लिए आगे आएंगे। इसके बाद परिवार वाले कालूराम की भावना को समझ गए और उन्होंने अपनी स्वीकृति भी दे दी।