सीएम के मिलने पर भी नहीं मानी वसुंधरा !

सीएम भजनलाल ने वसुंधरा राजे को मनाने की कोशिश की। साथ ही बजट के साथ ही आगामी उपचुनाव को लेकर चर्चा की। मगर बजट वाले दिन वसुंधरा राजे विधानसभा नहीं पहुंची। हालांकि, उन्होंने भाजपा सरकार की ओर सदन में पेश किए गए बजट को लोक कल्याण को समर्पित बताया है।

सीएम के मिलने पर भी नहीं मानी वसुंधरा !

राजस्थान विधानसभा में बुधवार को बजट वाले दिन प्रदेश के कई दिग्गज नेताओं की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय बनी। प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमं​त्रियों के साथ हाल ही में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले किरोड़ी लाल मीणा बजट के दौरान सदन से गायब रहे। पर तीन नेताओं में सबसे ज्यादा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की गैर मौजूदगी ने चौंकाया।

क्योंकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा बजट से तीन दिन पहले रविवार शाम को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के 13, सिविल लाइंस आवास पर पहुंचे थे। जहां पर दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक चर्चा हुई। बताते हैं कि सीएम भजनलाल ने वसुंधरा राजे को मनाने की कोशिश की। साथ ही बजट के साथ ही आगामी उपचुनाव को लेकर चर्चा की। मगर बजट वाले दिन वसुंधरा राजे विधानसभा नहीं पहुंची। हालांकि, उन्होंने भाजपा सरकार की ओर सदन में पेश किए गए बजट को लोक कल्याण को समर्पित बताया है। वसुंधरा राजे ने बुधवार शाम को एक्स पर लिखा कि भजनलाल सरकार का यह बजट सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय है। लोक कल्याण को समर्पित यह बजट सभी वर्गों के विकास का दस्तावेज़ है।

बहरहाल, सियासी गलियारों में यही चर्चा है कि जब सीएम भजनलाल खुद वसुंधरा राजे से मिलने के लिए गए थे, इसके बाद भी वसुंधरा राजे विधानसभा में क्यों नहीं आई। इस सवाल पर किसी भी भाजपा नेता ने कोई टिप्पणी नहीं की। पर जोधपुर दौरे पर पहुंचे पार्टी नेता राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि वसुंधरा राजे निजी कार्यों में व्यस्त होने के कारण विधानसभा में नहीं आई थीं।

देखा जाए तो वसुंधरा राजे गत विधानसभा चुनाव के बाद भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाए जाने के समय से ही निष्क्रिय हैं। वह खुद को मुख्यमंत्री पद का दावेदार मान रहीं थीं। इसके लिए उन्होंने बकायदा भाजपा विधायकों के समर्थन का प्रदर्शन भी किया था। पर दबाव की राजनीति काम नहीं आई तो उन्होंने स्वयं की गतिविधियों को सीमित कर लिया। लोकसभा चुनाव में वह सिर्फ झालावाड़ में अपने बेटे के प्रचार में लगी रहीं। बाकी प्रदेशभर में उनकी निष्क्रियता को राजस्थान में भाजपा के निराशाजनक प्रदर्शन की बड़ी वजह माना जा रहा है।