चंपई ने हासिल किया विश्वास मत

चंपई ने हासिल किया विश्वास मत

आखिरकार एक हफ्ते तक चली राजनीतिक अस्थिरता के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरने ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया। सोमवार को बुलाए गए विधानसभा के विशेष सत्र में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने वोटिंग करा और झारखंड की गठबंधन सरकार ने 47/29 से अपना बहुमत साबित कर दिया। हालांकि, इसी बीच निवर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर ईडी से जवाब मांगते हुए सुनवाई को 12 फरवरी तक टाल दिया।

झारखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री चंपई सोरेन सोमवार को महागठबंधन सरकार के लिए विश्वासमत हासिल किया। फ्लोर टेस्ट से पहले राज्यपाल का अभिभाषण हुआ। दो दिन के लिए बुलाए गए सत्र में विधानसभा की प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियम-139 के तहत मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन मंत्रिपरिषद में विश्वास प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में बहस के बाद मतदान हुआ, जिसमें महागठबंधन के पक्ष में 47 और विपक्ष में 29 वोट पड़। फ्लोर टेस्ट के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी मौजूद रहे। वहीं, 5 विधायकों ने मतदान में भाग नहीं लिया।

विधानसभा में विश्वास मत पर बहस की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने विपक्ष के साथ ही भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि विधानसभा में मौजूद विपक्ष ने हेमंत सोरेन की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की। लेकिन हमारे साथ हेमंत सोरेन है तो हिम्मत हैं। हेमंत सरकार ने राज्य को कुशल नेतृत्व दिया। उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने विरोधियों को दबाने और डराने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल किया।

वहीं, बहुमत परिक्षण से पहले पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को तगड़ा झटका लगा। ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई, लेकिन उन्हें फिलहाल कोई राहत नहीं मिल पाई। हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एस. चंद्रशेखर और जस्टिस अनुभा रावत चौधरी की बेंच ने सोरेन की याचिका पर ईडी से जवाब मांगा है। एजेंसी को आगामी 9 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 12 फरवरी की तारीख तय की है।