चुनाव से पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों?

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि आम चुनाव से पहले गिरफ्तारी क्यों ?

चुनाव से पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों?

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने ED से बड़े सवाल किए। जस्टिस संजीव खन्ना ने आम चुनावों से पहले गिरफ्तारी के वक्त पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि आम चुनाव से पहले गिरफ्तारी क्यों ? ED शुक्रवार को सवालों का जवाब देगी।

कोर्ट ने कहा, क्या न्यायिक कार्यवाही के बिना आप यहां जो कुछ हुआ है, उसके संदर्भ में आपराधिक कार्यवाही शुरू कर सकते हैं। इस मामले में अब तक कुर्की की कोई कार्यवाही नहीं हुई है और यदि हुई है तो दिखाएं कि मामले में केजरीवाल कैसे शामिल है?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जहां तक मनीष सिसोदिया मामले की बात है, पक्ष और विपक्ष में निष्कर्ष हैं, तो हमें बताएं कि केजरीवाल मामला कहां है? उनका मानना है कि धारा 19 की सीमा, जो अभियोजन पर जिम्मेदारी डालती है, न कि आरोपी पर, काफी ऊंची है। इस प्रकार नियमित जमानत की मांग नहीं होती। क्योंकि वे धारा 45 का सामना कर रहे हैं और जिम्मेदारी उन पर आ गई है, तो हम इसकी व्याख्या कैसे करें। क्या हम सीमा को बहुत ऊंचा बनाएं और यह सुनिश्चित करें कि जो व्यक्ति दोषी है, उसका पता लगाने के लिए मानक समान हो।

कोर्ट ने सवाल खड़े करते हुए कहा, कार्यवाही शुरू होने और फिर गिरफ्तारी आदि की कार्रवाई के बीच का इतने समय का अंतराल क्यों?

बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ल के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन के मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत यहां तिहाड़ जेल में बंद हैं। शीर्ष अदालत ने 15 अप्रैल को ईडी को एक नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की याचिका पर उसका जवाब मांगा था। यह मामला 2021-22 के लिए, दिल्ली सरकार की अब रद्द की जा चुकी आबकारी नीति तैयार करने और उसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार और धन शोधन से संबंधित है।