सीरियल बम ब्लास्टः सबूतों के अभाव में टुंडा बरी

सीरियल बम ब्लास्टः सबूतों के अभाव में टुंडा बरी

अजमेर के टाडा कोर्ट ने 1993 के सीरियल बम ब्लास्ट मामले में आतंकी अब्दुल करीम टुंडा को बरी कर दिया है। वहीं, दो आरोपियों इरफ़ान और हमीदुद्दीन को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 

टुंडा (Abdul Karim Tunda) को सबूतों के अभाव में बरी किया गया है कोर्ट ने फैसले में कहा कि टुंडा के खिलाफ कोई सीधा सबूत नहीं मिला है 30 साल पुराने इस मामले में न्यायाधीश महावीर प्रसाद गुप्ता ने दो अन्य हमीदुद्दीन और इरफान को आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैइस मामले में मोहम्मद यूसुफ ,मोहम्मद सलीम, मोहम्मद निसरुद्दीन और मोहम्मद जहीरुद्दीन को सुप्रीम कोर्ट से पहले ही राहत मिल चुकी है। इस मामले के दो आरोपी निसार अहमद और मोहम्मद तुफैल अभी फरार हैं

बता दें कि अयोध्या स्थित बाबरी मस्जिद विध्वंस की पहली बरसी 5 और 6 दिसंबर, 1993 को कोटा, सूरत, कानपुर, सिकंदराबाद, मुंबई और लखनऊ की ट्रेनों में सीरियल बम धमाके हुए थे सीबीआई ने इस मामले में टुंडा पर गंभीर आरोप लगाए थे सीबीआई को कोर्ट में उसके खिलाफ पूरक चार्जशीट पेश करनी थी, लेकिन दस साल तक बगैर चार्जशीट के ही अब्दुल करीम टुंडा के खिलाफ टाडा कोर्ट में केस चला

इस मामले में हमीद उर्फ हमीमुद्दीन 10 जनवरी 2010 को गिरफ्तार हुआ था जांच एजेंसी सीबीआई ने उस समय चार्जशीट पेश कर दी थी इसके बाद आरोपी इरफान अहमद गिरफ्तार हुआ सीबीआई ने इरफान के खिलाफ पूरक चार्जशीट पेश की थी मुख्य आरोपी यूपी आजमगढ़ निवासी अब्दुल करीम टुंडा 10 जनवरी 2014 को गिरफ्तार हुआ था

दिल्ली में 1997 में बम धमाके की घटना में दिल्ली पुलिस की ओर से पकड़े गए एक युवक ने पूछताछ में खुलासा किया था कि धमाकों के पीछे यूपी के आजमगढ़ निवासी अब्दुल करीम टुंडा है, जो अब पाकिस्तान के कराची शहर में रह रहा है 2014 में दिल्ली पुलिस ने टुंडा को उस समय नेपाल बॉर्डर से दबोच लिया था, जब वह गैर कानूनी तरीके से पाकिस्तान से भारत आया था तब से अब्दुल करीम टुंडा अजमेर सेंट्रल जेल में बंद है