कोख का सौदा, प्रेग्नेंट नहीं हुई तो एग निकाले

कोख का सौदा, प्रेग्नेंट नहीं हुई तो एग निकाले

कर्ज उतारने के लिए तलाकशुदा महिला ने 3 लाख रुपए में अपनी कोख का सौदा किया। मगर महिला प्रेग्नेंट नहीं हुई तो उसके गर्भ से ऐग निकाल लिए। मामला अलवर का है। पीड़िता ने शनिवार रात को कोतवाली थाने में प्रिबगौम बेबी सेंटर के संचालक के डॉ. पंकज गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

पीड़िता ने आपबीती सुनाते हुए बताया, वह (32) तलाकशुदा है और झारखंड की रहने वाली है। उसके साथ कर्ज की मजबूरी रही, इसलिए आना पड़ा। मेरे ऊपर 80 हजार रुपए का कर्ज है और मेरे आगे पीछे कोई नहीं है। मां-पिता की मौत हो चुकी है। मैं अकेली ही रहती हूं। महिला ने बताया कि पिछले साल उसे इंटरनेट के जरिए पता चला कि अलवर में टेस्ट ट्यूब बेबी या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) के लिए किराए पर कोख देने से पैसा मिल सकता है। महिला ने जब प्रिबगौम बेबी सेंटर से संपर्क किया तो उसे 3 लाख रुपए देने की बात हुई। उसने बताया,  मेरे अलावा भी कई महिलाएं हैं, जिनके साथ ऐसा किया जा रहा है। सेंटर पर दिल्ली की दो-तीन महिलाएं 50 हजार रुपए में ऐग देने आई थीं।

महिला का आरोप है कि 18 अगस्त को 2023 को उसे झारखंड से अलवर में प्रिबगौम बेबी सेंटर बुलाया। यहां सेंटर पहुंचने के बाद महिला से कहा गया था कि आईवीएफ तकनीक से बच्चे को जन्म देना है। बच्चे के जन्म के बाद उसे 3 लाख रुपए मिल जाएंगे। डॉक्टरों ने शुरुआत में उसे 22 हजार 500 रुपए दिए। सेंटर में रहने के दौरान महिला जब गर्भवती नहीं हुई तो सेंटर वालों ने पैसे देने से इंकार कर दिया। महिला से डॉक्टरों ने कहा कि कोई दूसरी लड़की लाओ, जो बच्चे को जन्म दे सके। सेंटर वाले उसे बिना पैसे दिए भगाना चाहते हैं।

महिला का आरोप है कि अलवर में सेंटर पर रहने के दौरान उसे 4 महीने से दवाई और इंजेक्शन दिए जा रहे हैं। महिला को जब पता चला कि उसके गर्भ से ऐग निकाल लिए गए हैं। ऐग निकाले जाने के बाद खूब दर्द हुआ। हर बार दवा दी गई। एक दिन उसने नर्सिंग स्टाफ से पूछा कि दर्द इतना क्यों होता है। तब बताया कि ऐग निकलने के बाद दर्द होता है। ऐसे काम में ऐग निकाल लिए जाते हैं। महिला का आरोप है कि सेंटर में रहने के दौरान स्टाफ के लोग उसे कमरे में बंद कर लॉक कर चले जाते थे। महिला सुबह-शाम कहीं नहीं जा सकती थी। महिला को सेंटर वाले दिन में थोड़ी देर बाहर जाने दिया जाते थे। सेंटर का स्टाफ महिला पर बराबर निगरानी रखता है। इस कारण कहीं शिकायत नहीं कर सकी। महिला को जैसे ही मौका मिला वह थाने पहुंची औैर शिकायत दर्ज करवाई।

इस मामले में सेंटर संचालक डॉ. पंकज गुप्ता ने कहा- महिला झूठ बोल रही है। महिला इलाज के लिए आई थी। इसके पेट में दर्द था। जांच के बाद डॉक्टर ने दवा लिख दी थी। पता नहीं इसने कहां से दवा ली थी। इलाज के बाद बोली कि गरीब हूं रहने की जगह दे दो। इसे ऊपर का कमरा दिया था। दो-चार दिन का कहकर यह यहीं रही और मदद के नाम पर पैसे लेती रही। अब इसने पैसे ऐंठने के लिए आरोप लगाए हैं। 3 लाख में डील होने की बात झूठ है। मैं सेंटर पर एमरोलॉजिस्ट भी हूं और लैब का काम भी देखता हूं।

ASP तेजपाल ने इस मामले को लेकर बताया कि तलाकशुदा महिला ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। वह प्रिबगौम बेबी सेंटर में एडमिट थी। अब उसे अलवर में ही सखी सेंटर में शिफ्ट किया है। उसका मेडिकल कराया जाएगा।