एसबीआई कल तक दे चुनावी बांड का ब्यौरा

चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में और मोहलत मांगने गए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) तगड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने SBI की याचिका खारिज करते हुए उसे 12 मार्च तक उपलब्ध आंकड़ा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग 15 मार्च तक आंकड़े को अपलोड करे।

एसबीआई कल तक दे चुनावी बांड का ब्यौरा

चुनावी बॉन्ड मामले में सुप्रीम कोर्ट में और मोहलत मांगने गए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) को तगड़ा झटका लगा है। शीर्ष अदालत ने SBI की याचिका खारिज करते हुए उसे 12 मार्च तक उपलब्ध आंकड़ा देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग 15 मार्च तक आंकड़े को अपलोड करे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने और वक्त मांगने पर एसबीआई को खूब फटकारा। कोर्ट ने कहा कि आखिर एसबीआई को आंकड़े जुटाने में कहां दिक्कत आ रही है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि पिछले 26 दिनों में आपने क्या किया? इसपर एसबीआई ने कहा कि हमें आंकड़े देने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन थोड़ा वक्त दे दिया जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, अगर SBI ने अब इस आदेश का पालन नहीं किया तो उस पर जानबूझकर अदालत के आदेश की अवहेलना का केस क्यों न चले? कोर्ट ने कहा कि अभी एसबीआई पर कंटेप्ट नहीं किया है, लेकिन आगाह किया है कि अगर आज के आदेश का पालन नहीं हुए तो कटेंप्ट का मुकदमा चलेगा।

मामले की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा, कृपया आप बताएं कि आप 26 दिनों से क्या कर रहे थे? इसके बाद जस्टिस खन्ना ने कहा कि आप खुद स्वीकार कर रहे हैं कि डिटेल देने में आपको कोई दिक्कत नहीं है। तो इन 26 दिनों में तो काफी काम हो सकता था। 

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने सुनवाई के दौरान एसबीआई ने कहा कि डेटा को डिकोड करने में कितना वक्त लगेगा। एसबीआई के वकील हरीश साल्वे ने इसके लिए और वक्त की मांग की।

जस्टिस खन्ना ने हरीश साल्वे से कहा कि राजनीतिक दलों ने बॉन्ड के कैश कराने की जानकारी दे दी है। आपके पास पहले से डिटेल मौजूद है। इसपर साल्वे ने कहा कि हमें डेटा जुटाने के लिए थोड़ा वक्त दे दीजिए। इसके तुरंत बाद चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम इस मामले में अब आदेश देंगे।

सुनवाई में वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चुनावी बॉण्ड विवरण का खुलासा करने की अवधि बढ़ाने का अनुरोध करने के लिए भारतीय स्टेट बैंक द्वारा बताए गए कारणों को बचकानाकरार दिया। उन्होंने कहा कि अपनी गरिमा की रक्षा करना सुप्रीम कोर्ट की जिम्मेदारी है और जब संविधान पीठ फैसला सुना चुकी है तो एसबीआई की याचिका को स्वीकार करना आसान नहीं होगा। चुनावी बॉन्ड योजना के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिकाकर्ताओं की ओर से दलीलें सिब्बल के नेतृत्व में पेश की गईं हैं। सिब्बल ने कहा कि एसबीआई का दावा है कि डेटा को सार्वजनिक करने में कई सप्ताह लगेंगे, जिससे ऐसा लगता है कि कोई किसी को बचाना चाहता है।

सिब्बल ने आगे कहा कि यह स्पष्ट है कि एसबीआई का इरादा सरकार का बचाव करना है, अन्यथा बैंक ने चुनावी बॉन्ड विवरण का खुलासा करने की अवधि 30 जून तक बढ़ाए जाने का ऐसे समय में अनुरोध नहीं किया होता, जब अप्रैल-मई में आमचुनाव होने हैं।