आरएलपी में बड़ी सेंध, अकेले पड़े बेनावील

भाजपा और कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी में तगड़ी सेंध लगा दी। आरएलपी के प्रदेशाध्यक्ष रहे पूर्व विधायक पुखराज गर्ग भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता उम्मेदाराम बेनीवाल ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है।

आरएलपी में बड़ी सेंध, अकेले पड़े बेनावील

भाजपा और कांग्रेस ने हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी में तगड़ी सेंध लगा दी। आरएलपी के प्रदेशाध्यक्ष रहे पूर्व विधायक पुखराज गर्ग भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता उम्मेदाराम बेनीवाल ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है। सूत्रों के मुताबिक उम्मेदराम कांग्रेस से बाड़मेर-जैसलमेर से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं

पुखराज गर्ग पिछले विधानसभा चुनाव में भोपालगढ़ से विधायक रह चुके हैं और इस बार वे चुनाव हार गए थे। वहीं, उम्मेदाराम बेनीवाल बाड़मेर जिले की बायतु विधानसभा सीट से आरएलपी के बैनरतले दो बार चुनाव लड़ चुके हैंपर चुनाव नहीं जीत पाए मगर दूसरे स्थान पर रहकर दोनों चुनाव में रिकॉर्ड मत हासिल करते हुए अपनी मजबूती दिखा चुके हैं।

वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले हनुमान बेनीवाल ने नई राजनैतिक पार्टी आरएलपी का गठन किया था। अपने पहले ही चुनाव में आरएलपी ने राजस्थान में तीन विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी। भोपालगढ़ से पुखराज गर्ग, मेड़ता से इंद्रा देवी और खींवसर से खुद हनुमान बेनीवाल विधायक बने थे। बेनीवाल जब नागौर लोकसभा सीट से सांसद बने तो खींवसर में हुए उपचुनाव में उनके छोटे भाई नारायण बेनीवाल विधायक बने थे। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में आरएलपी ने चंद्रशेखर रावण की पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा, लेकिन आरएलपी सिर्फ खींवसर सीट पर ही जीत दर्ज कर सकी। पुखराज गर्ग और इंद्रा देवी सहित तमाम प्रत्याशी हार गए। अब आरएलपी के प्रदेशाध्यक्ष पुखराज गर्ग और बायतू से प्रत्याशी रहे उम्मेदाराम बेनीवाल के पार्टी छोड़ने से हनुमान बेनीवाल को बड़ा धक्का लगा है। आरएलपी में बेनीवाल अब अकेले पड़ गए हैं।

कुछ दिनों पहले तक ऐसी चर्चाएं चल रही थी कि भाजपा को टक्कर देने के लिए कांग्रेस कुछ राजनैतिक दलों के साथ गठबंधन कर सकती है। आरएलपी के बड़े नेता उम्मेदाराम बेनीवाल के कांग्रेस में शामिल होने से गठबंधन की संभावनाएं भी खत्म हो गई हैं।