बढ रही गोडावण की संख्या, अब हुए 32

विलुप्त होते गोडावण को बचाने की जदोजहद रंग लाती दिख रही है। जैसलमेर में सम गांव स्थित सुदासरी के गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में मादा गोडावण टोनी के एक अंडे से नन्हे चूजे ने जन्म लिया है। गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में अब गोडावण की संख्या बढ़ते-बढ़ते 32 हो गई है।

बढ रही गोडावण की संख्या, अब हुए 32

विलुप्त होते गोडावण को बचाने की जदोजहद रंग लाती दिख रही है। जैसलमेर में सम गांव स्थित सुदासरी के गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में मादा गोडावण टोनी के एक अंडे से नन्हे चूजे ने जन्म लिया है। गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में अब गोडावण की संख्या बढ़ते-बढ़ते 32 हो गई है। वन्यजीव प्रेमियों के लिए यह खुशी की बात है कि सरकार द्वारा बनाए गए इन ब्रीडिंग सेंटर में ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) का कुनबा बढ़ रहा है।

गोडावण को बचाने की शुरुआत जैसलमेर में सम में ब्रिडिंग सेंटर बनाकर हुई थी, जिसके तहत वर्ष 2019 में जंगल में मिले एक अंडे से एक मादा गोडावण ने जन्म लिया था। इस ब्रीडिंग सेंटर में टोनी मॉरिसन नामक मादा गोडावण के अंडे से बाहर आया चूजा विशेषज्ञों के ऑब्जर्वेशन में है और पूरी तरह स्वस्थ है। सम के बाद पिछले साल रामदेवरा में भी ब्रिडिग सेंटर शुरु किया गया है, जंहा 13 GIB विशेष देख रेख में पल रहे है। यहां जंगल में मिले अंडों को विशेषज्ञों कि देखरेख में पाला जाता है और उन अंडों से गोडावण का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। 

GIB के अंडों से अब तक 32 गोडावण हो चुके हैं, जिनमें 4 इन्ही गोडावण की मेटिंग से बच्चे निकले हैं 1 चूजा पिछले साल और इस साल 3 चूजे अंडे से बाहर आए हैं इनमें अब 19 गोडावण सम ब्रीडिंग सेंटर में और 13 रामदेवरा स्थित गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में है डेजर्ट नेशनल पार्क के डीएफओ आशीष व्यास बताते है कि ब्रीडिंग सेंटर में गोडावण का कुनबा बढ़ता जा रहा है सुदासरी स्थित गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में गुरुवार को टोनी नामक मादा ने लियो नामक मेल गोडावण से मेटिंग के बाद दिए अंडे से चूजा बाहर आया है

2019 में अंडे से निकली मादा का नाम अफ्रीकी मूल की पहली अमेरिकी लेखिका टोनी मॉरिसन के नाम पर रखा गया, क्योंकि उसी दौरान नोबल पुरस्कार विजेता टोनी मॉरिसन का निधन हुआ था आशीष व्यास ने बताया कि इस सीजन का ये तीसरा चूजा हैइस तरह अब गोडावण ब्रीडिंग सेंटर में गोडावण की संख्या लगातार बढ़ते हुए 32 तक पहुंच गई है

डेजर्ट नेशनल पार्क में बनाए गए हैचरी सेंटर में अंडों को वैज्ञानिक तरीके से सेज कर उनसे चूजे निकलवाए जा रहे हैं यह प्रक्रिया पूर्ण रूप से कृत्रिम होती है और यह कृत्रिम प्रजनन केन्द्र कई मायनों में सफल साबित हो रहा है