कानूनी उत्तराधिकारी पत्नी व बच्चे, नामिनी नहीं
Allahabad High Court ने मृत्यु उपरांत सेवानिवृत्त परिणामी लाभ के मामले में कहा कि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद सेवानिवृत्ति लाभ कानून के अनुसार उसके वास्तविक उत्तराधिकारी को ही मिलना चाहिए। कर्मचारी का नामांकित व्यक्ति सिर्फ एक संरक्षक है, और कुछ नहीं। उसका कानूनी उत्तराधिकारी नहीं। कोर्ट ने कहा कि मृतक कर्मचारी के कानूनी उत्तराधिकारी, उसकी विधिक विवाहित पत्नी और बच्चे माने जाएंगे। वर्तमान मामले में मृतक की विवाहित पत्नी ही उसकी कानूनी उत्तराधिकारी होने के कारण पेंशन की हकदार है, क्योंकि उनका कभी भी तलाक नहीं हुआ था। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी की एकल पीठ ने रजनी रानी की याचिका को खारिज करते हुए की।
मामला ऐसा था कि भोजराज सिंह सहायक शिक्षक के रूप में वर्ष 2012 में सेवानिवृत हुए और वर्ष 2021 में उनकी मृत्यु हो गई। याची ने नामांकित व्यक्ति होने के आधार पर मृतक के सेवानिवृत्ति लाभों पर दावा किया था। मृतक की पहली पत्नी Usha devi ने जिला अदालत, मैनपुरी में Family Pension के लिए दावा किया, जिसके सापेक्ष अदालत ने कहा कि विवाह विच्छेद न होने के कारण कर्मचारी की पहली पत्नी पारिवारिक पेंशन का लाभ पाने की हकदार है।