आंदोलनरत जाट बिखरे, कुशवाहा समाज की हुंकार

आंदोलनरत जाट बिखरे, कुशवाहा समाज की हुंकार

राजस्थान में आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर और धौलपुर जाट समाज के बाद कुशवाह समाज भी सड़कों पर उतरने की तैयारी कर रहा है। इधर, केंद्र सरकारी की नौकरियों में आरक्षण की मांग लेकर राजस्थान के दो जिलों के जाटों आंदोलन बिखरता नजर आ रहा है। वैसे तो जाटों का महापड़ाव बीते 18 दिनों से जारी है. लेकिन शनिवार को महापड़ाव से इतर एक जाटों के एक गुट ने महापंचायत का आयोजन किया गया

वहीं, कुशवाह समाज की प्रदेश आरक्षण संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने 12 प्रतिशत आरक्षण एवं अन्य 12 सूत्रीय मांगों को लेकर भरतपुर जिले के रूपबास कस्बे की कुशवाह धर्मशाला में बैठक की। इस बैठक में आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई। कुशवाह समाज एवं प्रदेश आरक्षण समिति के सभी पदाधिकारियों ने निर्णय किया कि आंदोलन से पहले गांव-गांव में सभाएं आयोजित कर लोगों को जागरूक करेंगे। इसके बाद आंदोलन की हुंकार भरेंगे। इसके लिए गांव चहल बयाना, नगला छतरी, सैदपुरा, गांधी सर्किल बसेड़ी, बड़ा गांव सरमथरा, नारनपुर धौलपुर, मासलपुर जिला करौली और कुशवाह धर्मशाला में सभाएं कर आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।

इधर,  आंदोलनरत जाट समाज की राजस्थान सरकार से सहमति नहीं बन पाई है। जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह का कहना है कि अभी मांग करने का सही समय है। बाद में किसान फसल काटने में व्यस्त हो जाएंगे और फिर लोकसभा चुनाव भी आ रहे हैं। नेम सिंह ने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांगे नहीं मांगी तो आंदोलन तेज होगा, जिसमें रेल भी रोकेंगे और सड़क पर भी जाम लगाएंगे। लेकिन इस बार आरक्षण लेकर रहेंगे।

दूसरी ओर भरतपुर के एक निजी मैरिज होम में हुई जाटों के अन्य गुट की महापंचायत में पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि किसी भी समस्या का समाधान रेल रोकने या सड़क जाम करने अथवा पड़ाव डालने से नहीं होता है। बातचीत से ही रास्ता निकलता है, मेरी डिप्टी सीएम दिया कुमारी से वार्ता हो गई है । उन्होंने कमेटी बनाने को कहा है। सिं ने बताया कि राज्य सरकार ने केन्द्र को चिट्ठी लिखने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि बातचीत के लिए 11 सदस्य कमेटी बनाने जा रहे हैं, जिसके लिए दो संयोजक बन गए हैं। इस कमेटी में सभी गोत्र और क्षेत्र के लोगों को शामिल किया जाएगा। सिंह ने कहा, आरक्षण हमारा हक है और इसे हम लेकर रहेंगे।