आंखों में आंसू ले आई ‘लव यू महरी जान’
जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल-जिफ में सिनेमा के कई रंग देखने को मिल रहे हैं। दर्शक फिल्मों को देखकर गदगद हो उठते हैं। जीवन की खोज की एक क्लोजर के रूप में है हर फिल्म। इस बार जिफ में केवल टॉप और बेस्ट अवार्डेड फ़िल्में दिखाई जा रही है। तेलुगू फिल्म बिम्बिसारा को देखर UFO के जनरल मैनजेर नितिन शर्मा कहते हैं इसके सामने तो बाहुबली भी फीकी है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त तमिल फिल्म डायरेक्टर सीनू रामासामी द्वारा निर्देशित तमिल फिल्म "कन्ने कलाईमाने" एक नहीं कई बातें समाज के सामने रखती है। जीवन के कई पहलू पेश करती है।
इसी प्रकार राजस्थानी फीचर फिल्म ‘लव यू महरी जान’ में दो जेनरेशन को दिखाया गया है। फ़िल्म के गाने भी एक से बढ़कर एक हैं। कहानी में हंसी-मज़ाक़, सोशल मुद्दे, प्रेम को अलग तरीक़े से दिखाया है। कहानी के ज़रिए शिक्षा व्यवस्था, प्रशासन पर सवाल खड़ा किया जाता है कि वाक़ई में शिक्षा के तौर पर क्या सिखाया जा रहा है? दो पीढ़ी में अंतर से शुरू हुई फ़िल्म दो पीढ़ियों के अंतर की समाप्ति पर ख़त्म होती है। इस फिल्म को देखने के बाद बाहर निकले दर्शकों की आँखों में आंसू थे। ये फिल्म राजस्थानी सिनेमा के लिए टर्निंग पॉइंट का काम कर रही है।
आज दिखाई गई फिल्में
तकनीक, गुणवत्ता और फिल्म मेकिंग के मापदंडों पर खरी उतरने वाली राजस्थानी फीचर फिल्म लव यू महरी जान, जीवन की खोज, तेरा रूप, मंदिर, मस्जिद और भारत का विकास, डर के आगे जीतू है, ड्यूटी, वीरा, खीर और बहना की स्क्रीनिंग हुई।