दूध पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च करते हैं हम
शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में लोग सबसे ज्यादा पैसा दूध पर खर्च कर रहे हैं।
भारत के लोग न तो अनाज, न फल, न सब्जी और न ही मीट पर वबसे ज्यादा पैसा खर्च करते हैं, बल्कि वह चीज है दूध। भारत सरकार के ताजा घरेलू उपभोक्ता व्यय सर्वेक्षण (हाउसहोल्ड कंजप्शन एक्सपेंडिचर सर्वे) 2022-23 में यह खुलासा हुआ है। सर्वेक्षण के अनुसार शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में लोग सबसे ज्यादा पैसा दूध पर खर्च कर रहे हैं।
ग्रामीण इलाकों के लोग प्रतिमाह 314 रुपए दूध पर खर्च करते हैं, जबकि सब्जी पर 203 रुपए, अनाज पर 185 रुपए, अंडा, मछली और मांस पर भी 185 रुपए ही खर्च करते हैं। इसी तरह फलों पर 140 रुपए, खाने के तेल पर 136 रुपए, मसालों पर 113 रुपए और दाल पर 76 रुपये खर्च करते हैं।
इसी तरह शहरी लोग सर्वाधिक 466 रुपये महीने दूध पर खर्च करते हैं, जबकि 246 रुपए फल पर, 245 रुपए सब्जी पर, 235 रुपए अनाज पर और 231 रुपए अंडा, मछली व मांस पर खर्च करते हैं। वहीं, 153 रुपए खाने के तेल पर, 138 रुपये मसालों पर और 90 रुपये दाल पर खर्च करते हैं।
एक्सपर्ट्स कहते हैं कि भारतीय दूध को सुपर फूड मानते हैं। इसीलिए हाल के सालों में दूध की खपत तेजी से बढ़ी है। जिस तरीके से मिल्क कंजप्शन बढ़ा है, वह भारत के ओवरऑल हेल्थ इंडेक्स के लिए भी अच्छा संकेत है। क्योंकि दूध में बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं, जो बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। दूध पीने से कुपोषण जैसी बीमारियों से भी लड़ने में मदद मिलती है।
उपभोक्ता मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 5 साल में दूध का दाम 42 रुपए प्रति लीटर से 60 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच गया है। सबसे ज्यादा महंगा पिछले 1 साल में हुआ। इसके बावजूद दूध की खपत में कमी नहीं आई है।
भारतीय न सिर्फ दूध पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च करते हैं, बल्कि सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन भी करते हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है। दुनिया भर में दूध के कुल उत्पादन में अकेल भारत का योगदान 24.64 फ़ीसदी है। इन्वेस्ट इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले 9 साल के दौरान भारत में दूध के उत्पादन में करीब 58 फीसदी का इजाफा हुआ। 2022-23 में भारत का कुल दुग्ध उत्पादन 230.58 मीट्रिक टन था।
भारत में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाले राज्यों में राजस्थान सबसे आगे है। उत्तर प्रदेश दूसरे, मध्य प्रदेश तीसरे, गुजरात चौथे और आंध्र प्रदेश पांचवें नंबर पर है। यह पांचों राज्य, भारत के कुल दुग्ध उत्पादन में 53.11 फ़ीसदी का योगदान देते हैं।