राजस्थानः सरकारी सूचनाएं

rajasthan govt news release

राजस्थानः सरकारी सूचनाएं

सरसों, चने की सरकारी खरीद

भारत सरकार द्वारा राजस्थान में सरसों खरीद के लिए 14.58 लाख मीट्रिक टन एवं चना खरीद के लिए 4.52 लाख मीट्रिक टन खरीद लक्ष्य स्वीकृत किए गए हैं। राज्य में गत वर्षों की भांति सरसों, चना की खरीद ऑनलाईन की जानी है। इस के लिए कोटा संभाग में सरसों, चना के किसानों के पंजीयन 12 मार्च से तथा शेष राज्य में 22 मार्च से आरंभ किये जा रहे हैं। कोटा संभाग में सरसों, चना की खरीद का कार्य 15 मार्च से तथा शेष राज्य में 01 अप्रेल से आरंभ किया जाएगा। रबी सीजन 2024-25 में किसानों को उनके नजदीकी क्षेत्र में सरसों, चना की तुलाई सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरसों एवं चने के 520-520 कुल 1040 क्रय केन्द्र स्वीकृत किये गये है। प्रबन्ध निदेशक, राजफैड एवं शासन सचिव, सहकारिता के स्तर पर रबी 2024-25 में सरसों एवं चने की खरीद संबंधी तैयारियों की वी.सी. के माध्यम से समीक्षा की गई। इस दौरान बताया गया कि कृषक ई-मित्र केन्द्र के माध्यम से पंजीयन करवा सकेंगे। पंजीयन का समय प्रातः 9 बजे से सायं 7 बजे तक का रहेगा। किसान को जनाधार कार्ड, गिरदावरी एवं बैंक पासबुक की प्रति पंजीयन फार्म के साथ अपलोड करनी होगी। किसान को आधार आधारित बायोमैट्रिक अभिप्रमाणन से पंजीयन करवाना होगा। सभी किसान अपना मोबाईल नम्बर आधार से लिंक करवा लें, ताकि किसानों को समय रहते तुलाई दिनांक की सूचना प्राप्त हो सके। साथ ही किसान जनाधार कार्ड में अपने बैंक खाते के नम्बर को अपडेट कराएं, ताकि खाता संख्या/आई.एफ.एस.सी. कोड में यदि कोई विसंगति है तो समय पर सुधार करवाया जा सके। एक जनाधार कार्ड पर एक ही पंजीयन मान्य होगा। किसान एक मोबाईल नम्बर पर एक ही पंजीयन दर्ज करा सकेगा। जिस क्षेत्र में किसान की कृषि भूमि है, उसी तहसील क्षेत्र में आने वाले क्रय केन्द्र का चयन कर वे पंजीयन करवा सकेंगे। विभागीय अधिकारियों द्वारा यह भी बताया गया कि सरसों का समर्थन मूल्य भारत सरकार द्वारा 5650 रुपये एवं चने का 5440 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है। सरसों में नमी की अधिकतम मात्रा 8 प्रतिशत एवं चने में नमी की अधिकतम मात्रा 14 प्रतिशत निर्धारित है। किसानों की समस्या के समाधान के लिए राजफैड़ द्वारा हैल्पलाईन नम्बर 18001806001 स्थापित किया हुआ है।

सड़कों के लिए 220 करोड़

उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने बताया की राजस्थान में सड़क विकास के लिए केंद्र ने 220 करोड़ रुपए की राशि रिलीज की गई है । इससे प्रदेश में सड़क विकास विकास को गति मिलेगी और सड़क नेटवर्क मजबूत होगा। केंद्रीय सड़क एवं अवसंरचना निधि ( सीआरआईएफ) से तीसरी किस्त के रूप में 219. 93 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है। अतिरिक्त मुख्य सचिव पीडब्ल्यूडी ने बताया की राशि मिलने से सीआरआईएफ श्रेणी के तहत स्वीकृत सड़क परियोजना को गति मिलेगी और काम समय से पहले पूरे हो सकेंगे।

बिजली विभाग एमनेस्टी योजना

राज्य सरकार ने 31 मार्च, 2023 से पूर्व कटे हुए विद्युत कनेक्शन की मूल बकाया राशि एकमुश्त जमा करवाने पर बिजली उपभोक्ता को ब्याज एवं पेनल्टी में शत-प्रतिशत छूट प्रदान कर बडी राहत देने के लिए एमनेस्टी योजना प्रारंभ का निर्णय लिया है। ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हीरालाल नागर ने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत राज्य के तीनों विद्युत वितरण निगमों में 31 मार्च, 2023 से पूर्व कटे सभी श्रेणी के कनेक्शन पर मूल बकाया राशि एकमुश्त जमा कराने पर उपभोक्ताओं को ब्याज एवं पेनल्टी में शत-प्रतिशत छूट मिलेगी। यह योजना आगामी 31 जुलाई तक प्रभावी रहेगी। कृषि उपभोक्ता मूल बकाया राशि बिना ब्याज व पेनल्टी के अधिकतम 6 द्विमासिक किस्तों में भी जमा करवा सकेंगे। ऐसे उपभोक्ताओं को किश्त समय से जमा करवाने पर ही योजना का लाभ देय होगा और आखिरी किश्त जमा करवाने पर ही किसान मित्र ऊर्जा योजना का लाभ दिया जाएगा। अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं को सम्पूर्ण मूल बकाया राशि 31 जुलाई, 2024 तक एकमुश्त जमा करवाए जाने पर ही विलम्ब भुगतान शुल्क व ब्याज में शत-प्रतिशत छूट प्रदान की जायेगी। योजना का लाभ केवल ऐसे उपभोक्ताओं को ही मिलेगा. जिन्होंने गत 3 वर्षों में इस तरह की योजनाओं का लाभ नहीं लिया है। बिजली चोरी व दुरूपयोग के मामले इसके अन्तर्गत शामिल नहीं होंगे। कृषि श्रेणी के उपभोक्ताओं के कटे हुए कनेक्शन कृषि नीति के प्रचलित प्रावधानों के अनुसार जोड़े जाएंगे, जबकि अन्य श्रेणियों के उपभोक्ताओं के किश्त टीसीओएस-2021 के प्रावधानों के अनुसार जोड़े जाएंगे। योजना का लाभ लेने के लिए उपभोक्ता को सम्बन्धित सहायक अभियन्ता कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करना होगा। उल्लेखनीय है कि बजट (लेखानुदान) में राज्य सरकार ने ऐसे उपभोक्ताओं के लिए एमनेस्टी योजना लागू करने की घोषणा की थी। 

चुनाव पर्यवेक्षकों की ब्रीफिंग

आगामी लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों के मद्देनजर, भारत निर्वाचन आयोग ने आज राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में तैनात किए जाने वाले पर्यवेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग का आयोजन किया। इसमें 2150 से अधिक वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस अधिकारियों के साथ-साथ भारतीय राजस्व सेवा और कुछ अन्य केंद्रीय सेवाओं के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक नई दिल्ली के विज्ञान भवन में हाइब्रिड मोड में आयोजित की गई थी, जिसमें कुछ अधिकारी संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालयों से वर्चुअली शामिल हुए। आगामी चुनाव में लगभग 900 सामान्य पर्यवेक्षक, 450 पुलिस पर्यवेक्षक और 800 व्यय पर्यवेक्षक तैनात किये जा रहे हैं। राजस्थान में आज 85 पर्यवेक्षकों ने इस ब्रीफिंग सत्र में वर्चुअली भाग लिया। पर्यवेक्षकों को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने उन्हें स्वतंत्र, निष्पक्ष, समान अवसर सुनिश्चित करने के साथ ही भय और प्रलोभन मुक्त चुनाव कराने के निर्देश दिए। बैठक में सभी पर्यवेक्षकों को आयोग के विभिन्न नवाचारों के बारे में बताया गया। ब्रीफिंग सत्र के दौरान इन बिंदुओं पर जोर दिया गया: 1. पर्यवेक्षकों को चुनाव प्रक्रिया के दौरान आवंटित संसदीय क्षेत्र की सीमाओं के भीतर रहेंगे। इनके वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग लगाने का प्रस्ताव दिया गया। 2. पर्यवेक्षकों को अपने मोबाइल/लैंडलाइन नंबरों का व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया। इसके लिए सीईओ/जिला वेबसाइटों पर ईमेल पते/रहने के स्थान आदि को प्रदर्शित करने के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक/प्रिंट मीडिया में भी प्रसारित किया जाना चाहिए। 3. पर्यवेक्षक अपने फोन/ई-मेल पर हमेशा उपलब्ध रहेंगे। वे उम्मीदवारों/राजनीतिक दलों/सामान्य जनता/चुनाव ड्यूटी पर तैनात कार्मिक आदि की कॉल सुने/जवाब दें। 4. डीईओ को पर्यवेक्षकों के साथ संपर्क अधिकारी और सुरक्षा के रूप में कर्तव्यनिष्ठ व्यक्तियों को तैनात करना चाहिए। 5. पर्यवेक्षकों को अपने अनिवार्य कर्तव्यों जैसे- सुरक्षा बलों की तैनाती की प्रक्रियाओं में पूरी तरह से शामिल रहना, रैंडमाइजेशन की प्रक्रिया, राजनीतिक दलों द्वारा सुविधा पोर्टल का उपयोग और सभी उम्मीदवारों/राजनीतिक दलों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करना। 6. पर्यवेक्षक अधिक से अधिक मतदान केंद्रों का दौरा करें, संवेदनशील क्षेत्र में रहने वाले लोगों के साथ बातचीत करें, और ऐसे क्षेत्रों की कमजोरियों/समस्याओं की पहचान करें और उपाय सुनिश्चित करें। 7. पर्यवेक्षकों को यह भी निर्देश दिया गया कि वे डीईओ/आरओ द्वारा बुलाई जा रही उम्मीदवारों/राजनीतिक दलों की बैठकों का निरीक्षण करें और देखें कि उनकी शिकायतों को ठीक से सुना जाए और उन पर कार्रवाई की जाए। 8. मतदान के दिन पर्यवेक्षक अधिक से अधिक मतदान केंद्रों का दौरा कर सुनिश्चित करें कि मतदान स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से चल रहा है। 9. पर्यवेक्षकों को यह देखने के लिए कहा गया कि केंद्रीय बलों/राज्य पुलिस बलों का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से किया जाए और तटस्थता बनाए रखें, उनकी तैनाती भी किसी राजनीतिक दल/उम्मीदवार के पक्ष में नहीं हो।

पेयजल कंटीजेंसी के लिए 320 करोड़

उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी द्वारा आगामी गर्मियों में पेयजल एवं पेयजल संबंधित आकस्मिक (कंटीजेंसी ) कार्यों के लिए करीब 320 करोड़ रूपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई हैं। इसके साथ ही जिला कलेक्टरों को 50 लाख रूपये प्रति जिला सहमति दी गई है। पेयजल परिवहनग्रामीण क्षेत्रों में 8237 लाख रूपये तथा शहरी क्षेत्रों में 4335.75 लाख रूपये की राशि पेयजल परिवहन के लिए वित्त विभाग की ओर से स्वीकृति दी गई है। नहरबंदी में पेयजल व्यवस्था-- वित्त विभाग की ओर से नहरबंदी के दृष्टिगत चुरू के ग्रामीण क्षेत्रों मे पेयजल व्यवस्था बनाये रखने के लिये 300.38 लाख, बीकानेर एवं चुरू के ग्रामीण क्षेत्रों के लिये 2574.82 लाख, बीकानेर एवं चुरू के शहरी क्षेत्रों मे पेयजल व्यवस्था बनाये रखने के लिये 992.26 लाख रुपये की वित्तीय सहमति दी गई है। शहरी पेयजल व्यवस्थाबीकानेर, चुरू, कोटा, उदयपुर, अलवर, भरतपुर एवं जयपुर रीजन द्वितीय से संबंधित शहरी योजनाओं पर पेयजल व्यवस्था के लिये 1505.71 लाख रूपये की वित्तीय स्वीकृति दी गई है। ग्रामीण पेयजल व्यवस्थाजोधपुर, अजमेर, चुरू, उदयपुर, भरतपुर एवं अलवर से संबंधित ग्रामीण योजनाओं पर पेयजल व्यवस्था के लिये 9831.30 की वित्तीय सहमति दी गई है। हैंडपम्प मरम्मतवित्त विभाग के शासन सचिव (वित्त व्यय) नरेश कुमार ठकराल ने बताया कि जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को हैण्डपम्प मरम्मत अभियान 2024 एवं जलापूर्ति योजनाओं के संधारण के लिए किराये के वाहनों पर खर्च के लिए 750.20 लाख रुपए की वित्तीय सहमति दी गई है। जिसके तहत अप्रेल में 400 किराये के वाहन तथा मई  से अगस्त  तक 450 किराये के वाहन लिए जा सकेंगे। उक्त कार्य में संविदा श्रमिकों के लिए 1000.80 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं। अप्रेल में 2000 श्रमिक तथा मई से अगस्त  तक 2500 श्रमिक संविदा पर लिए जा सकेंगे।