11 किमी लंबी निकली शहीद की अंतिम यात्रा
राजस्थान में किशनगढ़ के लाल शहीद छोटू राम बुधवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उन्हें 11 किलोमीटर लंबी अंतिम यात्रा निकाल कर अंतिम विदाई दी गई। शहीद छोटू राम को बीएसएफ की 91 बटालियन में हेड कास्टेबल के पद पर तैनात थे। पश्चिम बंगाल में नक्सलियों के साथ 18 फरवरी को हुई मुठभेड़ में उन्हें गोली लगी थी। पूरे सैन्य सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।
सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने ताबूत पर लपेटे हुए तिरंगे को सलामी दी और किशनगढ़ विधायक विकास चौधरी, पूर्व विधायक नाथूराम सिसोदिया सहित प्रशासनिक अधिकारियों ने शाहीद को पुष्प माला चढाकर श्रद्धांजलि दी। उसके बाद शाहिद छोटू राम की पार्थिव देह पर लिपटे तिरंगे को सम्मान के साथ लपेटकर छोटू सिंह के बेटे दीपेंद्र को सौंपा गया। फिर पार्थिव देह का अंतिम संस्कार किया गया।
इस मौके पर शहीद की पत्नी रामकन्या देवी ने कहा, मेरे पति की शहादत पर उन्हें बहुत ज्यादा गर्व है, भगवान ने जैसा मेरे साथ किया वैसा किसी और के साथ नहीं करना। जिन दुश्मनों ने मेरे पति को गोली मारी, उनको मोदी सरकार चुन-चुन कर गोली मारे। शहीद की पत्नी ने यह भी कहा कि उनका बेटा जब बड़ा हो जाएगा तो उसे भी अपने पिता की हत्या का बदला लेने फौज में भेजेगी।
इससे पहले शहीद छोटू राम का पार्थिव देह दिनाजपुर (पश्चिम बंगाल) से जयपुर एयरपोर्ट पहुंची। वहां से किशनगढ़ के मार्बल सिटी पहुंची, जहां से सेना के ट्रक में विभिन्न मार्गों से छोटू राम अमर रहे ,भारत माता की जय, के नारे लगाते हुए तिलोनिया स्थित उनके पैतृक निवास पर पहुंची। शहीद छोटू राम की अंतिम विदाई में 11 किलोमीटर लंबी अंतिम यात्रा निकाली गई। शहीद की शहादत को लेकर बुधवार को पूरे गांव में चूल्हे नहीं जले।