आचार्य विद्यासागर जी के उत्तराधिकारी होंगे मुनिश्री समयसागर

बीती 18 फरवरी 2024 को जैन संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज के समाधि लेने के बाद उनके संघ के नए आचार्य समयसागर जी महाराज होंगे।

आचार्य विद्यासागर जी के उत्तराधिकारी होंगे मुनिश्री समयसागर

बीती 18 फरवरी 2024 को जैन संत आचार्य विद्यासागर जी महाराज के समाधि लेने के बाद उनके संघ के नए आचार्य समयसागर जी महाराज होंगे। खराब सेहत के कारण 6 फरवरी को ही विद्यासागर जी ने समयसागर जी को उत्तराधिकारी बनाकर खुद आचार्य पद का त्याग कर दिया था। अब संघ के सभी कार्यों का संचालन आचार्य समयसागर जी के निर्देशों पर ही होगा।

आचार्य विद्या सागर संघ के ज्येष्ठ निर्यापक मुनि समय सागर की 9 अप्रेल को कुंडलपुर में अगवानी होने जा रही है। अभी मुनिश्री बांकदपुर में विराजमान है। ऐसे में कुंडलपुर पहुंच चुके सभी निर्यापकों, मुनियों और आर्यिकाओं द्वारा अपने ज्येष्ठ मुनि समय सागर की भव्य अगवानी की जाएगी। इस दौरान गुरू शिष्य मिलन का अद्भुत प्रसंग देखने मिलेगा।

जानकारी के अनुसार 9 अप्रेल को होने वाली महामुनिराज की अगवानी का साक्षी बनने के लिए प्रत्येक शहर, नगर, गांव से हजारों भक्त कुंडलपुर अगवानी के लिए पहुंच रहे हैं। दमोह, सागर, जबलपुर, कटनी, सतना और अन्य शहरों से 200 से अधिक बसों से श्रद्धालुओं का पहुंचना हो रहा हैवहीं, देश भर से 20 हजार से अधिक लोग भी यहां पहुंच रहे हैं। जिनके रुकने, भोजन, पार्किंग आदि की व्यवस्थाएं अभी से कुंडलपुर में कर ली गई हैं।

समय सागर जी महाराज का जन्म कर्नाटक के बेलगांव में 27 अक्टूबर 1958 को हुआ था। वे ही आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के पहले शिष्य भी हैं। समय सागर जी महाराज आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के गृहस्थ जीवन के भाई भी हैं। समय सागर जी महाराज ने केवल 17 साल की उम्र में ही जैन धर्म की दीक्षा ले ली थी। बचपन से ही इनकी रुचिधर्म और कर्म में ही रही। बचपन में माता पिता ने इनका नाम शांतिनाथ जैन रखा था। जैन धर्म की दीक्षा लेने पर इनका नाम श्री समय सागर जी महाराज हो गया। छह भाई बहनों में समय सागर जी महाराज सबसे छोटे हैं