आठ ‘अमान्य’ वोट वैध, फिर से होगी गिनती

आठ ‘अमान्य’ वोट वैध, फिर से होगी गिनती

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर हुए विवाद में आए रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने भाजपा और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच विवाद के केंद्र में आठ अमान्यवोटों की जांच की और कहा कि उन्हें वैध वोट के तौर पर फिर से गिना जाएगा और उसी के आधार पर परिणाम घोषित किए जाएंगे।फिर से वोटों की गिनती में, जिसमें किन्ही कारणों से रिटर्निंग ऑफिसर मसीह द्वारा छोड़े गए आठ वोट भी शामिल हैं, से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन को मेयर पद के चुनाव में स्पष्ट जीत मिलेगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 30 जनवरी को चंडीगढ़ महापौर चुनाव में कांग्रेस-आप गठबंधन के खिलाफ जीत हासिल की थी। महापौर पद के लिए भाजपा के मनोज सोनकर ने आपके कुलदीप कुमार को हराया। उन्हें अपने प्रतिद्वंद्वी के 12 के मुकाबले 16 वोट मिले। आठ वोट अवैध घोषित किए गए थे। निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह पर आठ मतों को खराबकरने का आरोप लगा था।

आप पार्षद कुलदीप कुमार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया है, जिसने चंडीगढ़ में दोबारा महापौर चुनाव की मांग करने वाली पार्टी की अर्जी पर कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था। आप नेता ने दावा किया कि गठबंधन के पास नगर निकाय में भाजपा के 16 के मुकाबले 20 वोट थे और गठबंधन के आठ मतपत्रों को खराबकरके उन्हें अमान्य कर दिया गया था।