चंडीगढ मेयर चुनावः 8 वोट रद्द, जीती भाजपा

चंडीगढ मेयर चुनावः 8 वोट रद्द, जीती भाजपा

चंडीगढ के मेयर चुनाव में नाटकीय घटनाक्रम के बीच भाजपा ने उलटफेर कर दिया भाजपा पार्षद मनोज सोनकर ने मेयर पद पर जीत हासिल की। उन्होंने 35 में से 16 वोट हासिल किए। वहीं आप-कांग्रेस के संयुक्त प्रत्याशी कुलदीप टीटा सिर्फ 12 वोट हासिल कर पाए। 8 वोट रद्द कर दिए गए। कांग्रेस और आप मेयर चुनाव पर अपनी जीत पक्की मान रही थी। लेकिन अंतिम समय उसके हाथ निराशा ही आई। कांग्रेस ने अपने मेयर प्रत्याशी जसबीर सिंह बंटी का नामांकन वापस लेकर कुलदीप टीटा को समर्थन देकर भाजपा का खेल बिगाड़ने की कोशिश की, लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली।

चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ था। आप और कांग्रेस के कुल 20 पार्षद हैं। बावजूद इसके उन्हें इस चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। चंडीगढ़ नगर निगम के कुल 35 पार्षद हैं। मेयर चुनाव में इन 35 वोटों के अलावा सांसद का भी वोट मान्य होता था। आज के उलफेर से इंडिया गठबंधन का मेयर चुनाव जीतने का सपना पूरा नहीं हो पाया।

कांग्रेस और आप पार्षदों ने आरोप लगाते हुए कहा भाजपा ने मेयर नहीं बनाया है, बल्कि लोगों के साथ धोखा किया गया है। वोटों को कैंसल किया गया है। आठ वोट कैंसल किए गए। यह सब खेल किया गया है। यह 1-0 नहीं है। यह सरेआम गुंडागर्दी है। इन्होंने आठ वोटों को अवैध करार दिया। सब रिकॉर्ड हुआ है। यह काला दिन है।
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षदों के वोट कैंसिल होने पर निगम में जमकर हंगामा हुआ।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मामले पर ट्वीट करत हुए लिखा कि चंडीगढ़ मेयर चुनाव में दिन दहाड़े जिस तरह से बेईमानी की गई है, वो बेहद चिंताजनक है। यदि एक मेयर चुनाव में ये लोग इतना गिर सकते हैं, तो देश के चुनाव में तो ये किसी भी हद तक जा सकते हैं।