चंडीगढ मेयर चुनावः रिटर्निंग ऑफीसर पर चले मुकदमा

चंडीगढ मेयर चुनावः रिटर्निंग ऑफीसर पर चले मुकदमा

चंडीगढ़ मेयर चुनाव के दौरान मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए कोर्ट ने कहा कि अधिकारी ने माना है कि उन्होंने मतपत्रों से छेड़छाड़ की है। आम आदमी पार्टी (आप) के तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद महापौर चुनाव में कथित अनियमितताओं को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि जो हॉर्सट्रेडिंगचल रही है, यह एक गंभीर मामला है

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई से कुछ घंटे पहले रविवार देर रात चंडीगढ़ के मेयर मनोज सोनकर ने पद से इस्तीफा दे दिया था। जिससे दोबारा मेयर चुनाव होने का रास्ता साफ हो गया। इतना ही नहीं, ‘आपके तीन पार्षद भी भाजपा में शामिल हो गए, जिनके नाम गुरचरणजीत सिंह काला, नेहा और पूनम हैं।

इस समय नगर निगम सदन में भाजपा के पास कुल 15 वोट हैं – 35 सदस्यीय सदन में 14 पार्षद और पदेन सदस्य यानी एक सांसद। आप के पास 13 पार्षद हैं, जबकि कांग्रेस के 7 पार्षद हैं। सदन में शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है।

पिछले साल जनवरी में हुए चुनाव में 29 वोट पड़े थे, जिनमें से भाजपा के मनोज सोनकर ने आम आदमी पार्टी के जसबीर सिंह लाडी को सिर्फ एक वोट से हराकर मेयर का चुनाव जीता था। गुप्ता को 15, जबकि सिंह को 14 वोट मिले। कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। 2022 में भी विभिन्न कारणों से एक वोट अवैध घोषित होने के बाद भाजपा उम्मीदवार सिर्फ एक वोट से जीत गए थे।