चुनाव आयोग से सूचना आयोग नाराज, ईवीएम पर मांगा स्पष्टीकरण
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा एक आरटीआई याचिका का जवाब नहीं देने पर ‘गंभीर नाराजगी’ जाहिर की है। चुनाव आयोग को लिखित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा एक आरटीआई याचिका का जवाब नहीं देने पर ‘गंभीर नाराजगी’ जाहिर की है। इसमें चुनाव के दौरान ईवीएम और वीवीपीएटी मशीनों की विश्वसनीयता पर उठे सवाल पर उसकी कार्रवाई के बारे में पूछा गया था। सूचना आयोग (सीआईसी) ने इसे कानून का ‘घोर उल्लंघन’ करार देते हुए चुनाव आयोग को लिखित स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
पूर्व भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी एम जी देवसहायम ने ईवीएम, वीवीपीएटी और मतगणना प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल करते हुए सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत चुनाव आयोग को एक आवेदन देकर ईवीएम पर कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। यह आवेदन 2 मई, 2022 को चुनाव आयोग को भेजा गया था।
22 नवंबर, 2022 को दायर आरटीआई आवेदन को लेकर देवसहायम ने जानकारी मांगी कि उनकी आरटीआई पर क्या किसी उत्तरदायी व्यक्ति की बैठक हुई या यह फाइल किसे फॉरवार्ड की गई। चुनाव आयोग ने अनिवार्य 30-दिन की अवधि के भीतर उन्हें कोई जवाब नहीं दिया और वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष देवसहायम की पहली अपील भी नहीं सुनी गई।
चुनाव आयोग से कोई उत्तर नहीं मिल पर उन्होंने दूसरी अपील के साथ सीआईसी से संपर्क किया। जब मुख्य सूचना आयुक्त हीरालाल सामरिया ने पूछताछ की तो चुनाव आयोग के केंद्रीय सार्वजनिक सूचना अधिकारी इस पर संतोषजनक जवाब देने में विफल रहे कि देवसहायम को कोई जवाब क्यों नहीं दिया गया।
साआईसी सामरिया ने कहा, आयोग, आरटीआई अधिनियम के तहत निर्धारित समय-सीमा के भीतर देवसहायम के आवेदन का कोई जवाब नहीं देने पर तत्कालीन पब्लिक इंफॉर्मेशन ऑफिसर (पीआईओ) के आचरण पर गंभीर नाराजगी व्यक्त करता है। आयोग निर्देश देता है कि तत्कालीन पीआईओ को वर्तमान पीआईओ के माध्यम से आरटीआई के प्रावधानों के घोर उल्लंघन के लिए लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करना होगा।
सामरिया ने चुनाव आयोग को 30 दिनों के भीतर आरटीआई आवेदन पर बिंदुवार जवाब देने का निर्देश दिया। बता दें कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) और भारतीय प्रबंधन संस्थानों (आईआईएम) के प्रोफेसरों और सेवानिवृत्त आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों सहित पूर्व सिविल सेवकों सहित प्रसिद्ध तकनीकी पेशेवरों और शिक्षाविदों ने ईवीएम और वीवीपैट मशीनों की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग को पत्र लिखा था।