विनेश को सताया डोपिंग में फंसाए जाने का डर

भारतीय रेसलर विनेश फोगाट आरोप लगाया है कि कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह उन्हें हर हालत में पेरिस ओलंपिक 2024 में खेलने से रोकना चाहते हैं। उनको अपने खिलाफ डोपिंग की साजिश रचे जाने का डर है।

विनेश को सताया डोपिंग में फंसाए जाने का डर

भारतीय रेसलर विनेश फोगाट आरोप लगाया है कि कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष संजय सिंह उन्हें हर हालत में पेरिस ओलंपिक 2024 में खेलने से रोकना चाहते हैं। उनको अपने खिलाफ डोपिंग की साजिश रचे जाने का डर है। विनेश को डर सता रहा है है कि मैच के दौरान उन्हें पानी में कुछ मिला कर पिलाया जा सकता है। पेरिस ओलंपिक 26 जुलाई से लेकर 11 अगस्त तक खेला जाना है।

29 वर्षीय विनेश फोगाट ने 2019 और 2022 की वर्ल्ड चैम्पियनशिप के दौरान 53 किलो में कांस्य और एशियाई खेलों (2018) में 50 किलो में स्वर्ण पदक जीता था। अब वह अगले सप्ताह किर्गिस्तान के बिश्केक में होने वाले एशियाई क्वालिफाइंग टूर्नामेंट के जरिए 50 किलो भारवर्ग में ओलंपिक कोटा हासिल करना चाहती हैं।

विनेश ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, बृजभूषण और उनके द्वारा बिठाया गया डमी संजय सिंह हर तरीके से प्रयास कर रहे हैं कि कैसे मुझे ओलंपिक में खेलने से रोका जा सके। जो टीम के साथ कोच लगाए गए हैं, वे सभी बृजभूषण और उसकी टीम के चहेते हैं। तो इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि वो मेरे मैच के दौरान मुझे पानी में कुछ मिला कर पिला दें।

उन्होंने कहा, अगर मैं ऐसा कहूं कि मुझे डोप में फंसाने की साजिश हो सकती है तो गलत नहीं होगा। हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही। इतनी महत्वपूर्ण स्पर्धा से पहले हमारे साथ ऐसे मानसिक उत्पीड़न कहां तक जायज हैं। उन्होंने आगे लिखाक्या अब देश के लिए खेलने जाने से पहले भी हमारे साथ राजनीति होगी, क्योंकि हमने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई। क्या हमारे देश में गलत के खिलाफ आवाज उठाने की यही सजा है। उम्मीद है कि देश के लिए खेलने जाने से पहले हमें न्याय मिलेगा।

विनेश फोगाट देश के उन तीन शीर्ष पहलवानों में से है, जिन्होंने डब्ल्यूएफआई के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर प्रदर्शन की अगुवाई की थी। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन जुलाई में स्थानीय अदालत से उन्हें जमानत मिल गई।