स्कूल-कालेज में होगी आयुर्वेद की पढाई

भारत सरकार स्कूल-कॉलेज में प्राचीन आयुर्वेद को शामिल करने की तैयारी कर रही है। नए सिलबस पर काम किया जा रहा है। यह जानकारी केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने दी है।

स्कूल-कालेज में होगी आयुर्वेद की पढाई

भारत सरकार स्कूल-कॉलेज में प्राचीन आयुर्वेद को शामिल करने की तैयारी कर रही है। एनसीईआरटी और यूजीसी ने स्कूल और उच्च शिक्षा में इसे जोड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। नए सिलबस पर काम किया जा रहा है। यह जानकारी केंद्रीय आयुष मंत्री प्रतापराव जाधव ने दी है।

आयुष मंत्रलाय के ऑफिशियल एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट पर स्कूल-कॉलेज में आयुर्वेद की पढ़ाई शुरू करने की जानकारी दी गई है। आयुष मंत्री जाधव ने मंत्रालय की पोस्ट को री-ट्वीट किया। उनका कहना है कि स्कूली और उच्च शिक्षा में आयुर्वेद को शामिल करने का उद्देश्य नई पीढ़ी को समग्र स्वास्थ्य की भारतीय परंपरा से जोड़ना है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ( एनसीईआरटी ) और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नए सिलेबस तैयार करने पर काम कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि गोवा, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश जैसे कुछ राज्यों ने स्कूली शिक्षा में भारतीय नॉलेज सिस्टम को पहले ही स्कूली शिक्षा में शामिल कर लिया है। उन्होंने बताया, 'स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा के लिए करिकुलम मॉड्यूल तैयार करने के लिए एनसीईआरटी और यूजीसी के साथ चर्चा चल रही है।

मंत्री ने कहा, हो सकता है कि अगले एकेडमि सेशन में आयुर्वेद का नया सिलेबस तैयार कर लिया जाए और करिकुलम में शामिल हो जाए। स्कूल और कॉलेज की किताबों में आयुर्वेद का पाठ जोड़ा जा सकता है। हालांकि यह काम कब तक पूरा होगा, अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है। केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद और अन्य शोध संस्थानों के माध्यम से हाई क्वालिटी क्लिनिकल ट्रायल्स किए जा रहे हैं। जाधव ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ मिलकर मानक तय किए जा रहे हैं, ताकि आयुर्वेदिक इलाज को वैज्ञानिक विश्वसनीयता को और मजबूत करने के लिए स्टैंडर्ड तय किए जा सकें।