जयपुर व नाथद्वारा में जन्माष्टमी का उल्हास
राजस्थान की राजधानी जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर में आज जन्माष्टमी के अवसर उत्सव की रंगत देखते ही बन रही है। नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी मंदिर परिसर और शहर के मार्गों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है।

राजस्थान की राजधानी जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर में आज जन्माष्टमी के अवसर उत्सव की रंगत देखते ही बन रही है। ठाकुर जी और राधे रानी को उनके परंपरागत पीतांबर वस्त्रों व आभूषणों के साथ सजाया गया है। मिठास में लिपटी गोविंद लीला का माहौल भक्तों को आत्मिक आनंद से भर दे रहा है।
मध्यरात्रि में ज्योत कमल के साथ श्री कृष्ण के अवतरण पर 31 तोपों की सलामी दी जाएगी। गोविंददेव जी के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की कतारें आज दिनभर लगी रहीं। श्री कृष्ण के अभिषेक में इस वर्ष 897 किलो दूध, दही, घी, बूरा और शहद का प्रयोग होगा। देव सेवकों और प्रशासन ने मिलकर पुख्ता व्यवस्था कर रखी है।
भगवान श्री कृष्ण की तीन मूर्तियों में गोविंद देव जी प्रतिमा में मुखारविंद से दर्शन होंगे। दूसरी—गोपीनाथ जी—कंधे से कमर तक और तीसरी—मदनमोहन जी—पदकमल तक दर्शन होंगे।.
उधर, नाथद्वारा में स्थित श्रीनाथजी मंदिर श्रीकृष्ण के जन्म पर 21 तोपों की सलामी दी जाती है। नर और मादा नाम की दो तोपों से 21 बार गोले दागे जाते हैं। यह परंपरा 17 वीं शताब्दी से चली आ रही है। मेवाड़ महाराणा राजसिंह के समय प्रभु के सम्मान में पहली बार 21 तोपों की सलामी दी गई, जो अब तक निरंतर जारी है। आज मंदिर परिसर और शहर के मार्गों को रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है। पूरा नगर ब्रज जैसा दिखाई दे रहा है।