खांसी सीरप को लेकर केन्द्र की राज्यों से चर्चा
बच्चों की मौत को लेकर खांसी की सीरप की गुणवत्ता पर चिंता बढ़ने के बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव ने विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की।

राजस्थान समेत देश के विभिन्न राज्यों में बच्चों की मौत को लेकर खांसी की सीरप की गुणवत्ता पर चिंता बढ़ने के बाद भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने रविवार को विभिन्न राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक की। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि बारिश के बाद खांसी, जुकाम और बुखार के मामलों में वृद्धि होती है और इस दौरान आमजन के लिए चिकित्सकीय परामर्श एवं दवाओं के सुरक्षित उपयोग के प्रति व्यापक जागरूकता जरूरी है।
उन्होंने बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक दवाओं पर चेतावनी अंकित करने के उपाय करने पर जोर दिया। बैठक में राजस्थान की चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि खांसी की दवा के सभी बैचों के उपयोग और वितरण पर तुरंत रोक लगा दी गई। दवाओं के सुरक्षित उपयोग के संबंध में एडवाइजरी जारी की गई है और चिकित्सक, फार्मासिस्ट और आमजन के लिए व्यापक काउंसलिंग की जा रही है। खांसी की सीरप के बजाय वैकल्पिक उपायों से उपचार पर भी जोर दिया जा रहा है।
राठौड़ ने बताया कि दवाओं के उपयोग, बच्चों में दिखाई दे रहे लक्षणों और अन्य पहलुओं पर विस्तृत जांच के लिए तकनीकी समिति गठित की गई है। यह समिति बच्चों में लक्षण, उपचार और अन्य पहलुओं का अध्ययन कर रही है। प्रदेश के नामी शिशु रोग विशेषज्ञों और अन्य विशेषज्ञों से भी इस प्रकरण पर चर्चा की जा रही है। कई विशेषज्ञों ने बताया कि इस मौसम में बच्चों में दिमागी बुखार, निमोनिया और सांस संबंधी समस्याओं के कारण मौतें हो जाती हैं। इस चर्चा का उद्देश्य बच्चों की मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाना और भविष्य में ऐसे हादसों से बचाव करना है।