मना करने पर भी दिया टिकट, अब इनकार

राजसमंद से कांग्रेस ने सुदर्शन सिंह रावत को लोकसभा का टिकट दिया था. लेकिन अचानक गायब हो जाने की चर्चाओं के बीच उन्होंने एकबार फिर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। 

मना करने पर भी दिया टिकट, अब इनकार

देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने अपने जिस नेता को लोकसभा का टिकट दिया, उसने पहले ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। मामला राजस्थान के राजसमंद लोकसभा सीट से जुड़ा है राजसमंद से कांग्रेस ने सुदर्शन सिंह रावत को लोकसभा का टिकट दिया था. लेकिन अचानक गायब हो जाने की चर्चाओं के बीच उन्होंने एकबार फिर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है 

सुदर्शन सिंह रावत ने राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को चिट्ठी लिखकर अपने फैसले की जानकारी दी है उनकी चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस चिट्ठी में उन्होंने लिखा, मैंने पहले ही पार्टी नेताओं को बता दिया था कि मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहता इसके बाद भी मुझे टिकट दिया गया, यह उचित नहीं है 

सुदर्शन सिंह रावत ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा कि पार्टी यहां से किसी दूसरे योग्य उम्मीदवार को टिकट दे अपनी चिट्ठी में सुदर्शन सिंह रावत ने कारोबार के सिलसिले में विदेश दौरे पर रहने की बात भी कही है उन्होंने साफ लिखा है कि अगले दो महीने उनका विदेश दौरा बना रहेगा ऐसे में वो चुनाव नहीं लड़ सकेंगे सुदर्शन सिंह ने अपनी चिट्ठी में मेवाड़ के एक शीर्ष नेता पर पार्टी नेतृत्व को अंधेरे में रखने की बात भी कही उन्होंने लिखा, मेरे मना करने के बाद भी मेवाड़ के एक शीर्ष नेता ने पार्टी नेतृत्व को अंधेरे में रखा मेरे द्वारा बार-बार असहमति जताने के बाद भी मुझे टिकट दिया गया

गहलोत सरकार के समय सुदर्शन सिंह रावत मगरा विकास बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं उनके दादा फतेह सिंह भी विधायक रह चुके हैं खुद सुदर्शन सिंह रावत ने साल 2018 में भीम विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की थी उनकी शैक्षणिक योग्यता स्नातकोत्तर तक है